आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के एक कर्मचारी ने अपना बकाया वेतन दिलाने की मांग को लेकर कंपनी के पुणे ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारी सौरभ मोरे की फुटपाथ पर सोते हुए एक तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। अब वायरल हो रही इस तस्वीर में मोरे अपने बैग को तकिये की तरह इस्तेमाल करते हुए फुटपाथ पर सो रहे हैं। तस्वीर में उनके बगल में एक लेटर भी रखा हुआ है। अब इसको लेकर कंपनी की कंपनी का बयान सामने आया है, आइए जानते हैं…
टीसीएस कर्मचारी के पत्र में क्या लिखा है?
उनके लेटर के एक हिस्से में लिखा था, ‘मैंने 29 जुलाई को TCS सह्याद्री पार्क पुणे ऑफिस में रिपोर्ट किया था, और अभी भी मेरा ID अल्टीमैटिक्स और टीसीएस सिस्टम पर एक्टिव नहीं है, और मुझे मेरी सैलरी नहीं मिली है, जिसकी पुष्टि 30 जुलाई 2025 की बैठक में की गई थी।’
उन्होंने आगे बताया कि बैठक के दौरान उन्हें बताया गया कि उन्हें अगले दिन यानी 31 जुलाई को सैलरी मिल जाएगी। पत्र में आगे लिखा है, “मैंने एचआर को इन्फॉर्म कर दिया है कि मेरे पास पैसे नहीं हैं और मुझे TCS के बाहर फुटपाथ पर सोने और रहने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।” इसके बाद उन्होंने आगे कहा, “एचआर ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया और चुप रहे। इसलिए, मैं 29 जुलाई से टीसीएस के सामने फुटपाथ पर रह रहा हूँ।”
फोरम फॉर आईटी एम्प्लॉइज ने क्या कहा?
फोरम फॉर आईटी एम्प्लॉइज (FITE) ने एक बयान में कहा, “हम पुणे स्थित TCS कार्यालय के बाहर अपने बकाया वेतन के लिए विरोध कर रहे कर्मचारी के साथ एकजुटता में खड़े हैं। ऐसी विकट परिस्थितियों में अपनी आवाज उठाने का उनका साहस सराहनीय है।”
इसमें आगे कहा गया है, “हालांकि, सैलरी में देरी और नौकरी से संबंधित मुद्दों की भी औपचारिक रूप से श्रम कार्यालय को सूचना दी जानी चाहिए। विरोध एक सशक्त दृश्य संदेश है, लेकिन इसे कानूनी शिकायत के साथ जोड़ने से लड़ाई मजबूत होती है और जवाबदेही बनती है।”
FITE ने बयान में टेक एक्सपर्ट्स को कहा कि उन्हें कानूनी मदद लेने में संकोच नहीं करना चाहिए क्योंकि उनके अधिकार “भारतीय श्रम कानूनों के तहत संरक्षित हैं।”
क्या दिया टीसीएस ने जवाब?
कंपनी ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि काम से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के वजह से मोरे की सैलरी रोक दी गई थी। TCS ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस डॉट कॉम को दिए एक बयान में कहा, “यह अनाधिकृत अनुपस्थिति का मामला है, जिसमें कर्मचारी कार्यालय से अनुपस्थित रहा है। मानक प्रक्रिया के अनुसार, इस अवधि के दौरान सैलरी भुगतान निलंबित कर दिया गया था।”
कंपनी ने आगे कहा कि वह काम पर लौट आया है और उसने अपनी बहाली का अनुरोध किया है।
बयान में कहा गया, “हमने फिलहाल उन्हें आवास उपलब्ध करा दिया है और मामले को निष्पक्ष और रचनात्मक तरीके से सुलझाने में उनकी सहायता करने के लिए काम कर रहे हैं।”
सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रिया
एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण। ऐसा लगता है कि TCS ने उन मूल्यों को त्याग दिया है जिनके लिए टाटा ग्रुप कभी खड़ा था।” एक अन्य यूजर ने कहा, “रतन टाटा के बाद, TCS मैनेजमेंट बेकाबू हो गया है। कोई नैतिकता नहीं…,”
हाल ही में TCS ने अपनी व्यापक पुनर्गठन रणनीति के तहत ग्लोबल कार्यबल पुनर्गठन की घोषणा की है। इस कदम से उसके ग्लोबल वर्कफोर्स का करीब 2% यानी लगभग 12,000 कर्मचारी प्रभावित होने की उम्मीद है।