वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज मोदी सरकार का छठा और अपना दूसरा पूर्ण बजट पेश करने वाली हैं। जेएनयू से पढ़ीं और मोदी सरकार में रक्षा मंत्री भी रह चुकीं निर्मला सीतारण का आज दिन है। आइए जानते हैं कभी लंदन में सेल्सपर्सन तक का काम कर चुकीं निर्मला सीतारमण का अब तक का सफर कैसा रहा है…

राजनीति में आने वालीं परिवार की पहली सदस्य: लंदन से 1990 के दशक की शुरुआत में भारत लौटने वालीं निर्मला सीतरमण ने 2008 में बीजेपी जॉइन की थी। वह अपने परिवार की एकमात्र सदस्य हैं, जो राजनीति से जुड़ी हुई हैं। दो बार की राज्यसभा सांसद निर्मला सीतारमण का जन्म मदुरै में 18 अगस्त, 1959 को हुआ था। उनके पिता नारायण सीतारमण रेलवे में काम करते थे, जबकि मां हाउसवाइस थीं।

मास्टर्स और एमफिल के लिए जेएनयू का रुख: तिरुचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी रामस्वामी कॉलेज से इकनॉमिक्स में ग्रेजुएशन करने के बाद निर्मला सीतारमण मास्टर्स और एमफिल की पढ़ाई के लिए जेएनयू आ गई थीं। भारत आने से पहले वह कॉरपोरेट जगत का हिस्सा थीं और पति प्रभाकर के साथ लंदन में रहती थीं।

जेएनयू में पढ़ाई के दौरान हुआ प्यार: प्रभाकर से निर्मला सीतारमण की मुलाकात में जेएनयू में पढ़ाई के दौरान ही हुई थी। इसके बाद दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे और 1986 में दोनों ने शादी की। निर्मला और प्रभाकर की बेटी पराकला वांगमयी हैं। लंदन में रहने के दौरान निर्मला सीतारमण एक होम डेकोर स्टोर में सेल्सपर्सन के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। कुछ वक्त के लिए उन्होंने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस और एक ऑडिट फर्म में रिसर्च मैनेजर के तौर पर भी काम किया था।

बीजेपी में आते ही बनीं बड़ा चेहरा: 2008 में बीजेपी का हिस्सा बनने के बाद उनका तेजी से उभार हुआ। अर्थव्यवस्था की समझ रखने और अच्छी इंग्लिश बोलने में सक्षम निर्मला सीतारमण जल्दी ही सुषमा स्वराज के बाद बीजेपी में ऐसी महिला नेत्री बनीं, जो किसी भी मुद्दे पर पार्टी का पक्ष रख सकती थीं। इसके चलते वह कुछ ही दिनों में टीवी पर पार्टी का अहम चेहरा बनकर उभरीं।

विवादों से दूर रहने वालीं निर्मला पर मोदी का भरोसा: विवादित बयानों से दूर रहने वालीं निर्मला सीतारमण पर पीएम नरेंद्र मोदी का भरोसा माना जाता है। राजनीति में आने से पहले हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी स्टडीज में डिप्टी डायरेक्टर रह चुकी हैं। यही नहीं शहर में उन्होंने अपना एक स्कूल भी खोला था। राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य के तौर पर भी वह 2003 से 2005 तक काम कर चुकी हैं।