देश की दो बड़ी टेलीकॉम कंपनियां-रिलायंस जियो और एयरटेल के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल, बीते कुछ दिनों में रिलायंस जियो ने एयरटेल पर एक के बाद एक कई बड़े आरोप लगाए हैं।

हाल ही में रिलायंस जियो ने आरोप लगाया था कि एयरटेल किसानों के विरोध प्रदर्शन की आड़ में सिम पोर्ट करा रही है। इसके बाद जियो ने ये भी आरोप लगाया है कि प्रतिद्वंदी कंपनियों द्वारा जियो के टावर को नुकसान पहुंचाने के लिए भी उकसाया जा रहा है। हालांकि, अब एयरटेल ने दूरसंचार विभाग को पत्र लिखकर आरोपों को बेबुनियाद व बेतुका करार दिया है।

एयरटेल ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) को बताया कि जियो ने अपने आरोपों के साथ कोई सबूत नहीं दिया है। कंपनी ने कहा कि जियो इस बात का कोई सबूत नहीं दे पायी है कि उसके टावरों को किये गये नुकसान में भारती की कोई भूमिका है। अत: अवमानना के साथ जियो के आरोपों को खारिज किया जाना चाहिये।

एयरटेल द्वारा दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश को लिखे पत्र में कहा गया है कि कंपनी पंजाब और हरियाणा में किसान विरोध के कारण रिलायंस जियो की सेवाओं को बाधित करने के संदर्भ में उसके (जियो) द्वारा 28 दिसंबर को विभाग को की गयी एक शिकायत से अवगत है। एयरटेल ने कहा कि इसी तरह का आरोप जियो ने दिसंबर में पहले दूरसंचार नियामक को लिखे एक पत्र में लगाया था, जिसका कंपनी ने जवाब दिया था।

भारती एयरटेल के मुख्य नियामकीय अधिकारी (सीआरओ) राहुल वत्स ने डीओटी को 28 दिसंबर को लिखे पत्र में कहा, ‘‘जियो का यह आरोप कि टावरों के साथ तोड़फोड़ कर ग्राहकों को एयरटेल में स्विच करने पर मजबूर करने के लिये एयरटेल किसान आंदोलन के पीछे खड़ी है, अपने आप में बेतुका है।’’

एयरटेल ने कहा, ‘‘जियो ऐसा सोच भी कैसे सकती है कि उसके ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने के लिये एयरटेल के पास इतनी शक्ति है। यदि हमारे पास यह शक्ति थी, तो हमने पिछले तीन वर्षों में इसका प्रयोग किया होता, जब जियो के पास हमारे लाखों ग्राहक जा रहे थे।’’ (इनपुट भाषा)