देश के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस जियो में फेसबुक 10 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकता है। इस संबंध में दोनों कंपनियों के बीच शुरुआती बात हो चुकी है, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से दुनिया भर में लॉकडाउन की स्थिति के चलते आगे बातचीत नहीं हो सकी है। फाइनेंशियल टाइम्स ने मंगलवार को पूरे मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है।
इंस्टाग्राम और वॉट्सएप का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी फेसबुक से डील के जरिए रिलायंस अपना कर्ज उतारना चाहता है। दरअसल जियो की पैरेंट कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मुखिया मुकेश अंबानी ग्रुप के ज्यादातर कारोबार में विदेशी साझीदारों को शामिल करना चाहते हैं। कंपनी की रणनीति साझेदारी के जरिए कर्ज को उतारने की है।
हालांकि इस डील को लेकर अब तक फेसबुक या फिर रिलायंस जियो की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक रिलायंस जियो में हिस्सेदारी खरीदने के लिए फेसबुक के अलावा गूगल से भी बातचीत चल रही है। फेसबुक यदि रिलायंस जियो में हिस्सेदारी लेती है तो यह उसके लिए भारत में एक बड़ा कदम होगा। फिलहाल सस्ते इंटरनेट प्लान्स के जरिए फेसबुक ने तेजी से अपनी पैठ बनाई है। भारत उसके लिए सबसे बड़ा मार्केट बनकर उभरा है।
हालांकि फेसबुक को भारत में फेक न्यूज पर जवाब मांगने और वॉट्सएप को लेकर सरकार की मंजूरी जैसे मसलों का सामना करना पड़ा है। बता दें कि पिछले साल जापान के सॉफ्ट बैंक ग्रुप की ओर से रिलायंस जियो में बड़े निवेश की खबर थी। हालांकि यह डील फाइनल नहीं हो सकी। जेपी मॉर्गन ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में जियो की वैल्यूएशन 50 अरब डॉलर आंकी है। गौरतलब है कि बीते साल अगस्त में मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को अगले डेढ़ सालों में पूरी तरह से कर्जमुक्त बनाने के प्लान का ऐलान किया था।
इसके लिए रिलायंस ने अपने तमाम कारोबारों की हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया है। इसी रणनीति के तहत कंपनी की सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको से बातचीत चल रही है।
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