अभी तक यमुना एक्सप्रेसवे को दिल्ली और आगरा को जोड़ने वाला एक तेज रूट माना जाता था लेकिन अब ये दिल्ली-NCR का उभरता हुआ रियल एस्टेट कॉरिडोर बन चुका है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट इसकी एक बड़ी वजह है। इस एयरपोर्ट का उद्घाटन काफी नजदीक है। इसने पूरे क्षेत्र की तस्वीर काफी बदल दी है।
बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से पिछले पांच वर्ष में दिल्ली-NCR में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे प्रोजेक्ट में आवास की कीमतें 2.5 गुना बढ़ी हैं, जबकि जमीन की कीमतें 6 गुना से अधिक बढ़ी हैं।
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अपार्टमेंट की औसत कीमतें 158 प्रतिशत बढ़ी
संपत्ति सलाहकार इन्वेस्टोएक्सपर्ट ने अपनी रिपोर्ट ‘रियलएक्स स्टैट्स’ में बताया गया कि यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में अपार्टमेंट की औसत कीमतें पिछले पांच वर्ष में 158 प्रतिशत बढ़ी हैं, जबकि जमीन के प्राइस में 536% की वृद्धि हुई है।
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यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे अपार्टमेंट की औसत कीमतें 2020 में 3,950 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 2025 में 10,200 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। प्लॉट के मामले में औसत कीमतें 2020 के 1,650 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 2025 में 10,500 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं।
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट
यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में उछाल कई बड़े प्रोजेक्ट्स के कारण आया है। इसमें सबसे बड़ा कारण जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। इस एयरपोर्ट का उद्घाटन 30 अक्टूबर 2025 को होना है। उम्मीद है कि यह एयरपोर्ट यहां की ग्रोथ में बड़ा रोल अदा करेगा। इसके अलावा, YEIDA की इंडस्ट्रियल टाउनशिप, UER-II एक्सप्रेसवे, लॉजिस्टिक्स पार्क और बनने वाली फिल्म सिटी जैसे प्रोजेक्टस ने भी यमना एक्सप्रेसवे को एक आम इलाके से ग्रोथ के बड़े हब में बदल दिया है।
इन्वेस्टोएक्सपर्ट एडवाइजर्स के फाउंडर एवं MD विशाल रहेजा ने कहा, ‘जमीनों के प्राइस में भारी वृद्धि निवेशकों के विश्वास और जेवर एयरपोर्ट तथा यूईआर-II जैसी बड़े पैमाने की बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की परिवर्तनकारी क्षमता को दर्शाती हैं।’’ यमुना एक्सप्रेसवे नोएडा और ग्रेटर नोएडा को उत्तर प्रदेश के आगरा से जोड़ता है।