Economic Slowdown: देश में आर्थिक मंदी के संकेतों के बीच भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी धीमी होती नजर आ रही है। इकनॉमिक टाइम्स के सर्वे के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 6 प्रतिशत से ज्यादा नहीं रहेगी। भारत अर्थव्यवस्था की रफ्तार के मामले में चीन से पिछड़ता नजर आ रहा है। चीन की आर्थिक रफ्तार इस अवधि में 6.2 प्रतिशत रहने के आसार हैं। भारत की जीडीपी अप्रैल- जून के महीने में 5.2-6 प्रतिशत रही है। 11 इंडिपेंडेंट अर्थशास्त्रियों के मुताबिक पिछली तिमही में कमजोर औद्योगिक विकास, चुनाव को लेकर सरकार के खर्चों और विषम परिस्थितियों के चलते विकास दर 5.8 प्रतिशत रही थी।
यस बैंक की प्रमुख अर्थशास्त्री शुभदा राव का कहना है कि भारत की जीडीपी 2018-19 की पहली तिमाही में 8 प्रतिशत रही थी, जीडीपी के गिरावट के कारण चुनाव के दौरान निवेशकों का वेट एंड वॉच मोड में आना रहा होगा। इस दौरान निवेश में कमी दर्ज की गई थी। जीडीपी विस्तार में मॉडरेशन पहली तिमाही में 3.6% की रही जबकि एक साल पहले यह 5.1 प्रतिशत रही थी। वृद्धि के साथ औद्योगिक उत्पादन के अनुरूप है। इसका संकेतक यह है कि महंगाई दर कम होने के बाद भी ऑटोमोबाइल बिक्री, रेल भाड़ा, घरेलू हवाई यातायात और अन्य प्राइवेट सेक्टरों में भी स्लोडाउन देखा गया है।
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विश्व बैंक के आंकड़े भी बता रहे हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था का हाल ठीक नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 में भारत की अर्थव्यवस्था महज 3.01 फीसदी बढ़ी है। वहीं साल 2017 में अर्थव्यवस्था में 15.23 फीसदी का बढ़ोत्तरी देखी गई थी।। साल 2018 में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 6.81 फीसदी बढ़ी, जबकि साल 2017 में इसमें महज 0.75 फीसदी का उछाल आया था। फ्रांस की बात करें तो साल 2018 में फ्रांस की अर्थव्यवस्था 7.33 फीसदी बढ़ी है, जो कि साल 2017 में सिर्फ 4.85 फीसदी बढ़ी थी। इस तरह भारतीय अर्थव्यवस्था 2017 के मुकाबले 2018 में सुस्त रही।