Dream11 Shuts real-money business: भारतीय संसद ने ऑनलाइन गेमिंग बिल पास कर दिया है। इस विधेयक के तहत असली पैसे के साथ खेले जाने वाले ऑनलाइन खेलों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस फैसले के बाद ड्रीम11 को अपना मुख्य कारोबार बंद करना पड़ा। कंपनी के टॉप अधिकारियों को अब आशंका है कि जल्द ही बड़े पैमाने पर नौकरियां खत्म हो सकती हैं और कई अन्य ऐप-बेस्ड कारोबार भी पूरी तरह से बंद हो सकते हैं। इनमें विदेशी निवेशकों ने अरबों रुपये का निवेश किया था।
इस स्थिति ने भारत में हजारों लोगों को ‘एक युग के खत्म’ होने पर दुख जताने के लिए मजबूर कर दिया है। जबकि अन्य का मानना है कि आने वाला यह कानून भारत के स्पोर्ट्स ईकोसिस्टम के लिए एक ‘बड़ा झटका’ साबित होगा।
बिल में क्या है?
विधेयक में “हानिकारक” ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके साथ ही उनसे जुड़े विज्ञापनों और वित्तीय लेन-देन को भी गैरकानूनी घोषित किया गया है। सरकार ने यह भी तर्क दिया कि ऐसे प्लेटफॉर्म मानसिक नुकसान पहुंचा सकते हैं और इसी आधार पर इस फैसले को उचित ठहराया गया। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में कहा कि समाज में व्याप्त इन “सामाजिक बुराइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना जरूरी है।”
केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को संसद में कहा, “सरकार और संसद का कर्तव्य है कि वे उन समस्याओं से निपटें जो बार-बार सामने आती रहती हैं।”
ऑनलाइन गेमिंग बिल या ‘मौत की घंटी’! 2 लाख नौकरियों पर संकट, हजारों कंपनियों के बंद होने का खतरा
बड़े-बड़े भारतीय क्रिकेटरों द्वारा एंडोर्समेंट और अन्य मार्केटिंग प्रयासों ने Dream11 और Mobile Premier League (MPL) जैसे ऐप्स की लोकप्रियता को काफी बढ़ाया है। इन प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स, असली खिलाड़ियों के आधार पर वर्चुअल क्रिकेट टीमें बनाते हैं और मैच में रन, विकेट और कैच के प्रदर्शन के अनुसार पॉइन्ट्स अर्जित करते हैं।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गेमिंग कंपनियां इस प्रतिबंध को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने के विकल्प पर विचार कर रही हैं और इसके लिए वकीलों से बातचीत कर रही हैं।
अभी क्या हो रहा है?
रिपोर्ट्स के अनुसार, Dream11 ने अपना मुख्य रियल-मनी गेमिंग बिज़नेस बंद करने का फैसला किया है। यह फैसला 20 अगस्त 2025 को आयोजित एक इंटनरल टाउनहॉल बैठक में लिया गया, जब केंद्र सरकार ने Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025 पास किया।
PitchBook के आंकड़ों के मुताबिक, Dream11 की वैल्यूएशन 8 बिलियन डॉलर है, जबकि Mobile Premier League (MPL) की वैल्यूएशन 2.3 बिलियन डॉलर है। भारत में अन्य लोकप्रिय गेमिंग ऐप्स में Games24X7 (जो रमी और पोकर जैसे कार्ड गेम उपलब्ध कराता है), Zupee और WinZO शामिल हैं।
नए बिल के अनुसार, कानून लागू होने के बाद यदि कोई शख्स पैसे से खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम उपलब्ध कराता है तो उसे तीन साल तक की जेल और जुर्माना दोनों का सामना करना पड़ सकता है।
यूजर्स बोले- ‘एक युग का खात्म’
X पर एक यूजर ने चेतावनी दी,“Dream11 और फैंटेसी स्पोर्ट्स का बंद होना भारत और पूरी दुनिया में क्रिकेट व खेलों की इकोसिस्टम के लिए एक बड़ा झटका है। आईपीएल, ग्लोबल T20 लीग, राज्य स्तरीय T20 लीग, महिला क्रिकेट, T10 और लेजेंड्स/सेलिब्रिटी लीग, सभी को इसका भारी नुकसान होगा। कुछ तो शायद बच भी न पाएं।”
एक अन्य यूजर ने कहा, “अगर फैंटेसी बैन हो गया, तो मैं आईपीएल और बाकी टूर्नामेंट क्यों देखूं? क्रिकेट देखने में कोई दिलचस्पी नहीं रहेगी। फैंटेसी पर बैन लगाने से व्यूअरशिप पर बड़ा असर पड़ेगा।”
एक तीसरे यूजर ने लिखा, “ड्रीम11 मेरे लिए सिर्फ़ एक खेल नहीं था, यह मेरी ज़िंदगी का टर्निंग प्वाइंट था। इसने मुझे आत्मविश्वास, पैसा, घर, कार और अपना बिज़नेस खड़ा करने का हौसला दिया। यहां मैंने जीत और हार दोनों का स्वाद चखा, और हर अनुभव ने मुझे एक अहम सबक सिखाया। अगर यह बैन हुआ, तो बहुत तकलीफ़ होगी।”
कुछ लोगों ने इस फैसले का समर्थन भी किया और कहा कि ऐसे प्लेटफॉर्म्स से लोग “प्रभावित हो रहे हैं।”
एक पोस्ट में लिखा गया, “इसे बैन होना ही चाहिए, इसका कोई फायदा नहीं है और युवा इससे प्रभावित हो रहे हैं। क्रिकेट किसी भी चीज़ के लिए नहीं रुकेगा।”