कोरोना वायरस के संकट के चलते केंद्र सरकार आर्थिक तंगी से गुजर रही है। ऐसी स्थिति में सरकार सैन्य खर्चों में भी कटौती कर सकती है। बिजनस स्टैंडर्ड ने रक्षा सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि यह कटौती 40 फीसदी तक की भी हो सकती है। हालांकि सरकार ने इस कटौती से सैन्यकर्मियों की सैलरी को इससे अलग रखने का फैसला लिया है। हालांकि अन्य सैन्य खर्चों में 20 से लेकर 40 फीसदी तक की कटौती की जा सकती है। रक्षा मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से यह जानकारी सामने आई है। यदि सरकार सैन्य खर्चों में 20 फीसदी तक की कटौती करती है तो 40,000 करोड़ रुपये तक की बचत होगी। इसके अलावा 40 फीसदी की कटौती होने पर 80,000 करोड़ रुपये की बचत होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में रक्षा विश्लेषकों से बातचीत करते हुए डिफेंस ऑफिसर ने उन खबरों की पुष्टि की, जिनमें कहा गया था कि सेना को खर्चों में कटौती की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में सरकार ने सेना से खर्चों में 15 से 20 फीसदी तक की कटौती की बात कही है। बता दें कि कोरोना के संकट से निपटने के लिए जरूरी फंड जुटाने के मकसद से सरकार लगातार कदम उठा रही है। इसी के तहत केंद्र सरकार ने अपने 1.5 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनरों के डीए में इजाफे पर जुलाई, 2021 तक के लिए रोक लगा दी है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद राज्य सरकारों की ओर से भी कटौती की जा रही है। यूपी सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के डीए समेत भत्तों में इजाफे पर रोक लगा दी है। यही नहीं मध्य प्रदेश, तमिलनाडु सरकार ने भी डीए में कमी कर दी है। यही नहीं वेतन कटौती के बाद पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर भी सरकारें टैक्स बढ़ाने की दिशा में बढ़ती दिख रही हैं।
पेट्रोल और डीजल पर बढ़ गया सेस: नागालैंड सरकार ने 28 अप्रैल को आधी रात से ही डीजल और पेट्रोल पर बढ़ा हुआ सेस लागू कर दिया है। मौजूदा टैक्स और सेस से यह अतिरिक्त होगा। सूबे के अडिशनल चीफ सेक्रेटरी और फाइनेंस कमिश्नर सेंटियांगेर इमचेन की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अब डीजल पर 5 रुपये और पेट्रोल पर 6 रुपये का अतिरिक्त कोरोना सेस वसूला जाएगा।
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