India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच 8 जुलाई से पहले अंतरिम व्यापार समझौते (Interim Trade Agreement) की घोषणा करने की उम्मीद है दोनों देश टैरिफ पर तनाव कम करने और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं। फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने एक आधिकारिक सूत्र के हवाले से बताया किया कि अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए अतिरिक्त 26 प्रतिशत टैरिफ से भारत पूरी छूट की मांग कर रहा है।

याद दिला दें कि अमेरिका ने 2 अप्रैल 2025 को भारतीय सामान पर अतिरिक्त 26 प्रतिशत रेसिप्रकल टैरिफ लगाया था, लेकिन इसे 9 जुलाई तक यानी कुल 90 दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया था। हालांकि, बेसलाइन 10 प्रतिशत टैरिफ पहले की तरह ही लागू है।

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भारत का इरादा खासतौर पर कोटा या न्यूनतम आयात मूल्य (MIP) के जरिए कृषि और डेयरी जैसे संवेदनशील सेक्टर्स को बचाना है। इसके अलावा भारत कपड़ा और चमड़े समेत श्रम-केंद्रित इंडस्ट्रीज के लिए भी टैरिफ में राहत की मांग कर रहा है। हाल ही में वाशिंगटन के दौरे पर गए वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ( US Trade Representative) जैमिसन ग्रीर और कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक के साथ बातचीत की थी।

8 जुलाई से पहले एक अंतरिम डील पूरी होने की उम्मीद

अधिकारी ने कहा कि बातचीत सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रही है। 8 जुलाई से पहले एक अंतरिम डील पूरी होने की उम्मीद है। इस डील में सामान, नॉन-टैरिफ बाधाएं और डिजिटल बिजनेस जैसी सर्विसेज शामिल होंगी। हम चाहते हैं कि भारत के लिए 26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क और 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ दोनों को हटा दिया जाए।

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अमेरिकी प्रशासन को मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) दरों से कम टैरिफ कम करने के लिए कांग्रेस की मंजूरी की जरुरत है, लेकिन वह भारत सहित देशों पर लगाए गए पारस्परिक टैरिफ को स्वतंत्र रूप से हटा सकता है।

भारत कपड़ा, रत्न और ज्वैलरी, लेदर के सामान, गारमेंट्स, प्लास्टिक, कैमिकल, झींगा, तिलहन, अंगूर और केले जैसे लेबर-इंटेंसिव एक्सपोर्ट
पर शुल्क कम करने के लिए अमेरिका से प्रतिबद्धताओं पर जोर दे रहा है। इस बीच, अमेरिका कुछ इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रिक वाहनों (EV), वाइन, पेट्रोकेमिकल्स, डेयरी और सेब, ट्री नट्स और Genetically Modified (GM) फसलों सहित एग्रीकल्चर कमोडिटी पर टैरिफ में कटौती चाहता है।

अमेरिका ने भारतीय मार्केट में अमेरिकी प्रोडक्ट को प्रभावित करने वाली नॉन-टैरिफ बाधाओं के बारे में बार-बार चिंता जताई है। दोनों देशों ने सितंबर-अक्टूबर 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने का टारगेट रखा है, जिसका लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 बिलियन अमरीकी डॉलर करना है।

चल रही बातचीत में मंत्री स्तर की बातचीत शामिल है, जो 22 मई तक जारी रहने वाली है। दोनों पक्ष महत्वपूर्ण प्रगति करने के लिए 90-दिवसीय टैरिफ निलंबन अवधि का इस्तेमाल करने के लिए उत्सुक हैं।

अमेरिका लगातार चौथे वर्ष भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार

अमेरिका लगातार चौथे वर्ष भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना हुआ है, जिसका द्विपक्षीय व्यापार 2024-25 में 131.84 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुँच गया है। भारत के कुल निर्यात में अमेरिका का हिस्सा लगभग 18 प्रतिशत और उसके कुल व्यापारिक व्यापार में 10 प्रतिशत से अधिक है। पिछले वित्तीय वर्ष में भारत ने अमेरिका के साथ वस्तुओं के मामले में 41.18 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ट्रेड सरप्लस अर्जित किया, यह आँकड़ा पिछले कई वर्षों से लगातार बढ़ रहा है।

यदि अंतरिम व्यापार समझौता अंतिम रूप ले लेता है, तो यह टैरिफ विवादों को सुलझाने और दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।