पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्र सरकार इसके विकल्प की तलाश में जुटी है। ये जानकारी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दी है।

क्या कहा नितिन गडकरी: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ईंधन के बढ़ते दाम को देखते हुए सड़क परिवहन मंत्रालय ने लिथियम ऑयन और हाइड्रोजन सेल जैसे वैकल्पिक ईंधन के क्षेत्र में संभावना टटोलने के लिये कदम उठाया है। गडकरी ने कहा, ‘‘मेरा सुझाव यह है कि देश में वैकल्पिक ईंधन अपनाने का समय है। मैं भारत में अतिरिक्त बिजली की उपलब्धता के साथ ईंधन के रूप में इसके उपयोग पर जोर देता रहा हूं और अब 81 प्रतिशत लिथियम ऑयन बैटरी भारत में बन रहे हैं।’’

नितिन गडकरी ने कहा कि मंत्रालय हाइड्रोजन ईंधन सेल विकिसत करने के कार्य में भी लगा है। गडकरी ने कहा, ‘‘हम जीवाश्म ईंधन के विकल्प पर काम कर रहे हैं। क्योंकि यह देश के लिये काफी महत्वपूर्ण है।’’ फिलहाल देश 8 लाख करोड़ रुपये का जीवाश्म ईंधन का आयात करता है। उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि वैश्विक बाजार में जीवाश्म ईंधन के दाम बढ़ रहे हैं और भारत में 70 प्रतिशत जीवाश्म ईंधन का आयात होता है।

गडकरी ने कहा कि उन्होंने हाल ही में जैव-सीएनजी संचालित ट्रैक्टर को पेश किया। इसमें ईंधन के रूप में पराली, गन्ने की खोई, कपास फसल के अवशेष का उपयोग किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें वैकल्पिक ईंधन उद्योग को तेजी से आगे बढ़ाने की जरूरत है और तमिलनाडु कृषि के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राज्य है।’’ ​नितिन गडकरी ने कहा कि मैं राज्य सरकार से कृषि अवशेषों से ईंधन बनाने और किसानों को उससे अधिक आय प्राप्त करने के लिये प्रोत्साहित करने का आग्रह करता हूं।