Retail Inflation in July 2024: महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को राहत मिलता हुई दिखाई दे रही है। खाने की चीजों की कीमतों में नरमी की वजह से जुलाई महीने में रिटेल महंगाई दर खिसककर 3.54 फीसदी पर आ गई है। यह जून के महीने में करीब 5.08 फीसदी रही थी। इतना ही नहीं बीते साल जुलाई के महीने में यह महंगाई दर करीब 7.44 फीसदी तक पहुंच गई थी। यह पांच साल में सबसे कम है।
सरकार ने सोमवार को इसे लेकर आंकड़ें जारी किए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में दालों व उनसे बने प्रोडक्ट की कीमत 14.77 फीसदी बढ़ी। अनाज और उससे बने प्रोडक्ट्स एक साल पहले की तुलना में 8.14 फीसदी और सब्जियां भी 6.83 फीसदी तक महंगी हुईं। इतना ही नहीं अंडों के दाम भी करीब 6.76 फीसदी तक बढ़े और मांस और मछलियों की कीमतों में भी 5.97 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। हाउसिंग की महंगाई जुलाई में 2.68 फीसदी रही। दूध, मिल्क प्रोडक्ट्स की महंगाई दर जुलाई में 2.99 फीसदी रही।
सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी में ठहराव
महंगाई दर में थोड़ी सी नरमी की वजह सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी में ठहराव रहा था। इतना ही नहीं ईंधनों की कीमतों में भी नरमी का काफी असर महंगाई दर पर नजर आया है। इन आंकड़ों में कहा गया कि ईंधन और बिजली के दाम जुलाई 2023 के मुकाबले 2024 में 5.48 फीसदी कम हुए हैं।
इस साल अब तक कितनी रही मंहगाई दर
वहीं अब की महंगाई दर के आंकड़ों को देखे तो यह जनवरी के महीने में 5.01 फीसदी, फरवरी में 5.09 फीसदी, मार्च के महीने में 4.85 फीसदी रही थी। इसके बाद अप्रैल के महीने में थोड़ी सी गिरावट देखने को मिली थी। यह अप्रैल में 4.83 फीसदी, मई के महीने में 4.75 फीसदी और जून के महीने में 5.08 फीसदी रही थी।
ग्रामीण और शहरी इलाकों में महंगाई दर की तुलना की जाए तो इसमें काफी अंतर आया है। जुलाई महीने में ग्रामीण इलाकों में मंहगाई 4.1 फीसदी रही थी और शहरी इलाकों में महंगाई दर 2.98 फीसदी रही। इसमें जून महीने के मुकाबले काफी फर्क है। जून में ग्रामीण इलाकों में महंगाई द 5.66 फीसदी रही थी और शहरी इलाकों में उस महीने यह 4.39 फीसदी रही थी।