अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारतीय निर्यात पर 25% का भारी टैरिफ लगाने का ऐलान किया। जिसके बाद ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने भारत की GDP ग्रोथ पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव की आशंका जताई है। अगर आगे की बातचीत विफल रहती है और टैरिफ 25% पर बरकरार रहता है, तो इसमें 0.2% अंकों की गिरावट का रिस्क है। आसान शब्दों में कहें तो अगर भारत और अमेरिका टैरिफ कम करने के लिए कोई समझौता नहीं कर पाते हैं, तो FY26 में GDP ग्रोथ दर 6% तक गिर सकती है।
टैरिफ के मध्यम अवधि के प्रभाव (Medium-term implications of tariffs)
क्योंकि भारत और अमेरिका व्यापार समझौते पर बातचीत जारी रखे हुए हैं, नोमुरा को उम्मीद है कि भारत सरकार ऑटो जैसे क्षेत्रों में कुछ समझौते पर विचार कर सकती है, जबकि कृषि और डेयरी उत्पादों के मुद्दे पर कायम रह सकती है।
नोमुरा का कहना है कि मध्यम अवधि में, भारत अपने निर्यात मार्केट का विस्तार यूनाइटेड किंगडम, यूरोपीय संघ, न्यूजीलैंड और चिली जैसे देशों में कर सकता है, जहां उसने व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं या करने की प्रक्रिया में है।
हालांकि, यह देखते हुए कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारतीय निर्यात का सबसे बड़ा गंतव्य है और उसके कुल निर्यात का लगभग 18% हिस्सा है, इतने कम समय में अपने निर्यात में विविधता लाना बहुत चुनौतीपूर्ण होगा।
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SME के लिए सपोर्ट पैकेज?
25% टैरिफ को यदि निर्यातकों के लिए अंतिम रूप दिया जाता है, तो नोमुरा को सरकार से SME के लिए एक सहायता पैकेज की उम्मीद है। यह सहायता विभिन्न रूपों में मिल सकती है, जैसे निर्यात लोन, ब्याज दर में छूट, बैंकों से अतिरिक्त लोन या अतिरिक्त निर्यात प्रोत्साहन। इस लागत का कुछ हिस्सा बैंकों द्वारा वहन किए जाने की संभावना है।
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ब्याज दरें (Interest rates)
जून में रेपो दर में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद RBI ने अपने रूख को Neutral कर लिया। हालांकि, नोमुरा को अक्टूबर और दिसंबर में 25 BPS की दर कटौती की उम्मीद है। जून में दरों में कटौती के बाद अगस्त में दरों में कटौती की संभावना 10% तक बढ़ गई थी, लेकिन हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए, नोमुरा ने दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ाकर 35% कर दी है।
महंगाई पर प्रभाव (Effect on inflation)
नोमुरा को उम्मीद है कि महंगाई 3% के स्तर से नीचे आ जाएगी। जहां रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2026 में 3.7% की महंगाई दर का अनुमान लगाया है, वहीं नोमुरा को वित्त वर्ष में 2.8% महंगाई दर की उम्मीद है।