देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह अप्रैल-नवंबर, 2020 के दौरान 37 प्रतिशत बढ़कर 43.85 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले आठ के दौरान कुल एफडीआई (पुन: निवेश की गई आय सहित) 22 प्रतिशत बढ़कर 58.37 अरब डॉलर पर पहुंच गया। ये वो दौर था जब शुरुआती महीनों में देश में सख्त लॉकडाउन लागू था। इस वजह से इकोनॉमी ठप पड़ी थी और शेयर बाजार भी गिर रहा था।
मंत्रालय ने बुधवार को कहा, ‘‘एफडीआई इक्विटी प्रवाह चालू वित्त वर्ष के पहले आठ में 43.85 अरब डॉलर रहा है। यह किसी वित्त वर्ष के पहले आठ माह का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। पिछले वित्त 2019-20 के पहले आठ की तुलना में यह 37 प्रतिशत अधिक है। इससे पिछले वित्त वर्ष के पहले आठ माह में देश में 32.11 अरब डॉलर का एफडीआई आया था।’’
मंत्रालय ने कहा कि आर्थिक वृद्धि में एफडीआई का प्रमुख योगदान है। यह देश के आर्थिक विकास में गैर-ऋण वित्त का एक प्रमुख स्रोत है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘सरकार ने एफडीआई नीति सुधारों के मोर्चे पर जो कदम उठाए हैं, उनसे देश में विदेशी निवेश का प्रवाह बढ़ाने में मदद मिली है।’’
इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा जन-केंद्रित रवैये से विभाग के कामकाज में बदलाव की प्रक्रिया और मजबूत होगी। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय सीमा शुल्क विभाग के कामकाज के तरीके में व्यापक बदलाव हुआ है। आज विभाग कारोबार सुगमता तथा व्यापार में सहयोग दे रहा है। जन-केंद्रित रुख से यह प्रक्रिया और मजबूत होगी।’’