आयुष मंत्रालय के तहत आने वाली सरकारी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी इंडियन मेडिसिन फ़ार्मास्यूटिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईएमपीसीएल) ने 2020-21 में रिकॉर्ड 164 करोड़ रुपये का कारोबार किया है। ये वो कंपनी है, जिसे आयुष उत्पादों (औषधीय गुण वाले जड़ी-बूटी युक्त उत्पाद) में योगगुरु रामदेव की कंपनी से टक्कर मिलती है।
कितना हुआ मुनाफा: आयुष मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक आईएमपीसीएल ने लगभग 12 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया, तो अब तक सर्वाधिक है। इससे पहले कंपनी ने 2019-20 में 97 करोड़ रुपये का कारोबार किया था। आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल में कुछ शर्तों के साथ आईएमपीसीएल के 18 आयुर्वेदिक उत्पादों की सिफारिश डब्ल्यूएचओ जीएमपी/ सीओपीपी प्रमाणन के लिए की थी। ये प्रमाणन आईएमपीसीएल के उत्पादों की गुणवत्ता की पुष्टि करके हैं।
कोरोना काल में बढ़ी डिमांड: कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बीच लोगों में आयुष उत्पादों और सेवाओं की स्वीकार्यता बढ़ी है। यही वजह है कि अधिकतर कंपनियों ने इम्युनिटी बूस्टर के लिए तरह-तरह के प्रोडक्ट्स लॉन्च किए हैं। इसमें पतंजलि, डाबर समेत अन्य कंपनियां भी शामिल हैं। (ये पढ़ें—इस तेल का विरोध करते हैं रामदेव)
पतंजलि की कारोनिल: आयुष उत्पादन के मामले में पतंजलि आयुर्वेद कड़ी टक्कर देती है। पतंजलि आयुर्वेद ने भी कोरोना से लड़ने के लिए कोरोनिल दवा बनाया है। हालांकि, कोरोनिल के दावे को लेकर कई तरह के विवाद भी सामने आ चुके हैं। बीते फरवरी महीने में कोरोनिल दवा को लेकर विवाद हुआ था।
पतंजलि आयुर्वेद ने दावा किया था कि कोरोनिल को अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) प्रमाणन योजना के तहत आयुष मंत्रालय से प्रमाण पत्र मिला है। कंपनी ने दावा किया था कि यह कोविड-19 का मुकाबला करने वाली पहली साक्ष्य-आधारित दवा है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ की ओर से इस दावे को खारिज कर दिया गया।
पतंजलि को भी हुआ है मुनाफा: योगगुरु रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड भी मुनाफे वाली कंपनी है। वित्त वर्ष 2019-20 में पतंजलि का मुनाफा 21.56 प्रतिशत बढ़ा था और यह 424.72 करोड़ रुपये रहा। इससे एक साल पहले 2018-19 में 349.37 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। हालांकि, वित्त वर्ष 2020-21 के नतीजे अभी नहीं आए हैं। (ये पढ़ें—रामदेव की कंपनी से 13 निवेशकों की शिकायत)
ऐसी खबरें हैं कि रामदेव की कंपनी पतंजलि इसी साल के अंत में आईपीओ लेकर आ सकती है। आईपीओ के जरिए पतंजलि की शेयर बाजार में लिस्टिंग की जा सकती है। वहीं, आम लोग भी हिस्सेदारी खरीद सकेंगे।