भारत ने शुक्रवार को कहा कि चीन की मुद्रा का अवमूल्यन चिंताजनक घटना है जिससे वहां के लिए भारतीय निर्यात महंगा होगा और चीन के साथ देश का व्यापार घाटा बढ़ेगा। वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि युआन के अवमूल्य से चीन से भारत को आयात सस्ता होगा। उन्होंने यहां व्यापार, विकास व संवर्धन के परिषद की पहली बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि युआन में अमूल्यन से निश्चित तौर पर चीन से आयातित वस्तुएं सस्ती होने जा रही हैं। तथ्य है कि इससे चीन के साथ हमारा घाटा भी बढेÞगा। 2014-15 में भारत व चीन का द्विपक्षीय व्यापार 72.3 अरब डालर और व्यापार घाटा 49 अरब डालर रहा था। सरकार व उद्योग जगत बढ़ते घाटे को लेकर बार-बार चिंता जता चुके हैं।

भारत चीन पर जोर दे रहा है कि कृषि, आइटी व औषधि जैसे भारतीय उत्पादों को अधिक बाजार पहुंच उपलब्ध कराए। इससे भारत के लिए चीन से आयात और अधिक सस्ता होने जा रहा है और वहां जाने वाले हमारे उत्पाद महंगे होंगे। इस तरह से यह तात्कालिक स्थिति है। उन्होंने यह भी कहा कि आयात केवल इसलिए नहीं हो रहा क्योंकि वह सस्ता है बल्कि यह चीन में जरूरत से ज्यादा उत्पादन क्षमता खड़ी किए जाने के कारण भी है। वाणिज्य मंत्री निर्मला ने कहा कि चीन विशेषकर भारत सहित विभिन्न देशों में माल भेजना चाहता है और मुद्रा अवमूल्यन से यह और भी सस्ता हो जाएगा।

चीन में आर्थिक वृद्धि दर को लेकर चिंताओं के कारण इस समय भारत सहित दुनिया भर के शेयर बाजारों में मंदड़ियों का बोलबाला हो गया है और बीएसई का सूचकांक गुरुवार को 555 अंक लुढ़क गया। वहीं रुपया भी तीन सप्ताह के निचले स्तर 66.93 रुपए प्रति डालर तक चला गया। चीन के केंद्रीय बैंक ने युआन का 0.51 फीसद अवमूल्यन कर इसे प्रति डालर 6.5646 यूआन कर दिया है।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में मुद्रा में उतार-चढ़ाव चिंताजनक है। यह इसलिए भी चिंता का कारण है क्योंकि मात्रा के लिहाज से आपका निर्यात अनेक क्षेत्रों में वही बना हुआ है लेकिन आप मुद्रा में उतार-चढ़व के कारण इससे कमाई नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कुल मिलाकर मुद्रा में उतार-चढ़ाव और उन मुद्राओं से भारत की समानता को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है बल्कि चीन की मुद्रा में यह तीसरा प्रमुख अवमूल्य है।

वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय चीन के बारे में व्यापक तस्वीर लेने के लिए मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन और नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के साथ बैठक करने की योजना बना रहा है। क्या भारत चीन से आयात के बारे में कोई कार्ययोजना बना रहा है, यह पूछे जाने पर मंत्री ने भारतीय उद्योगों को प्रभावित कर रहे हर आयातित उत्पाद का पता लगाने के लिए मामलों पर अलग-अलग विचार की बात की।