चीनी की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी ग्रेट वॉल मोटर्स को भारत में बड़ा झटका लगा है। कंपनी ने करीब 2 साल के इंतजार के बाद भारत में 1 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना को रद्द दिया है, निवेश को रोकने के पीछे की सबसे बड़ी वजह भारत सरकार से एफडीआई के लिए क्लीयरेंस ना मिलना रही, जिसके बाद कंपनी ने भारत में अपने ऑपरेशन को बंद कर दिया।
गौरतलब है कि चीनी ऑटोमोबाइल कंपनी ग्रेट वॉल मोटर्स 2020 से ही भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में उतरने की तैयारी कर रही थी। इसके लिए कंपनी ने 2020 के ऑटो एक्सपो में भारत में लॉन्च की जाने वाली लंबी कारों की लिस्ट दिखाई थी और माना जा रहा था कि ग्रेट वॉल मोटर्स अपनी हैवेल सीरीज को जल्द भारत में उतार सकता है। इसके लिए ग्रेट वॉल मोटर्स पुणे के तेलगांव में स्थित जनरल मोटर्स के असेंबली प्लांट को भी खरीदने की तैयारी कर रहा था, लेकिन भारत सरकार से मंजूरी न मिलने के कारण इस प्लांट को खरीदने में लगातार देरी हो रही थी।
क्यों किया बदला फैसला?: ग्रेट वॉल मोटर्स ने एक अन्य चीनी ऑटोमोबाइल कंपनी SAIC मोटर्स की सहायक कंपनी एमजी मोटर्स के भारत में आने के बाद 1 बिलियन डॉलर के निवेश का ऐलान किया था, लेकिन दो साल पहले लद्दाख स्थित भारत- चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच बैंक का झड़प हो गई और फिर दिल्ली और बीजिंग के बीच विवाद शुरू हो गया।
माना जा रहा है कि विवाद शुरू होने के बाद ही ग्रेट वॉल मोटर्स के ओर से जनरल मोटर्स के तेलगांव प्लांट को अधिग्रहण करने की प्रक्रिया प्रभावित होने लगी, जिसके ग्रेट वॉल मोटर्स ऑपरेशन शुरू करने की तरह टर्म शीट को 6 बार आगे बढ़ाता रहा, लेकिन उसे भारत सरकार से मंजूरी नहीं मिल सकी। अंत में कंपनी ने निवेश वापस लेने का फैसला किया।
आपको बता दें, भारत- चीन सीमा पर झड़प के बाद केंद्र सरकार की ओर से पड़ोसी देशों से आ रहे निवेश को लेकर एक पॉलिसी बनाई थी, जिसके बाद इन देशों से आने वाली एफडीआई को भारत सरकार से मंजूरी लेनी होती है।