बीते कुछ दिनों से देश में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत कंस्ट्रक्शन की खूब चर्चा हो रही है। विपक्ष की ओर से कंस्ट्रक्शन को बंद कराने की मांग हो रही है।

क्या है मामला: दरअसल, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में संसद भवन और नए प्रधानमंत्री आवास समेत कई चीजों का नवीनीकरण होना है। इसकी डेडलाइन 2022 तय की गई है। आपको यहां बता दें कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत संसद भवन के निर्माण की जिम्मेदारी टाटा समू​ह की कंस्ट्रक्शन कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स को मिली है। आज हम आपको बताएंगे कि रतन टाटा के अगुवाई वाली इस कंपनी की ​जिम्मेदारी अभी कौन संभाल रहा है। इस कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में कौन लोग शामिल हैं।

कौन संभाल रहा जिम्मेदारी: बतौर चेयरमैन टाटा प्रोजेक्ट्स की जिम्मेदारी बनमाली अग्रवाल को मिली है। वह टाटा संस लिमिटेड में इंफ्रास्ट्रक्चर और डिफेंस के अलावा एयरोस्पेस के अध्यक्ष हैं। इससे पहले वह ग्रुप के दक्षिण एशिया के कारोबार के लिए भी बड़ी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। वे टाटा पावर बोर्ड के सदस्य भी थे। ग्लोबली बनमाली को 30 से अधिक साल का अनुभव है। बनमाली ने अपने करियर की शुरुआत वार्टसिला ग्रुप के साथ की। (ये पढ़ें-अडानी संभाल रहे हैं अंबानी का कारोबार)

बनमाली ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के भीतर कई आधिकारिक पदों पर काम किया है। वह मैंगलोर विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से पढ़ाई कर चुके हैं। इसके अलावा विनायक देशपांडे साल 2011 से कंपनी में बतौर मैनेजिंग डायरेक्टर कार्यभार संभाल रहे हैं। उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई की है। देशपांडे को करीब 30 साल का अनुभव है।

टाटा प्रोजेक्ट्स को क्या करना है: टाटा प्रोजेक्ट्स को सेंट्रल विस्टा के तहत संसद भवन के निर्माण की जिम्मेदारी मिली है। टाटा समूह की इस कंपनी ने एलएंडटी और शापूरजी पालोनजी एंड कंपनी को हराकर प्रोजेक्ट हासिल किया था। टाटा को ये प्रोजेक्ट 861 करोड़ रुपये में मिला है। नया संसद भवन 64500 स्क्वायर मीटर में बनाया जाएगा।

अनुमान के मुताबिक इस संसद भवन को 2022 तक तैयार किया जाएगा। आपको बता दें कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में संसद भवन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति भवन, मंत्रालय और आसपास के इलाकों का नवीनीकरण होगा। इस पूरे प्रोजेक्ट पर कुल अनुमानित खर्च 1200 से 1300 करोड़ रुपये है। (ये पढ़ें-कर्ज देती थी अनिल अंबानी की ये दो कंपनियां, फिर कारोबार समेटने की आ गई नौबत)