पेट्रोलियम क्षेत्र को लेकर जारी हुए एक सरकारी आंकड़े के अनुसार, सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में 4.92 लाख करोड़ रुपए का राजस्‍व कमाया है। 2014-15 के बाद से केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र में 186 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है, जो एक भारी मुनाफा है। वहीं राज्‍यों को इस क्षेत्र में तगड़ा मुनाफा हुआ है।

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्‍य मंत्री रामेश्‍वर तेली के अनुसार, वित्त वर्ष 2014-15 में राज्‍यों को 1.6 लाख करोड़ रुपए का मुनाफा था, वहीं अब बढ़कर 2.82 लाख करोड़ रुपए हो चुका है। वहीं केंद्र को इस सेक्‍टर में केंद्र सरकार ने 2014-15 के वित्तीय वर्ष में पेट्रोलियम क्षेत्र से 1.72 लाख करोड़ रुपए कमाए थे, जो 2021-22 में बढ़कर 4.92 लाख करोड़ रुपए हो चुका है।

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, सात साल की अवधि के दौरान केंद्र सरकार की पेट्रोलियम सेक्‍टर से आय में 186 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि राज्यों को इस क्षेत्र से 75 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त हुआ।

अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में गिरावट से होने वाले लाभ को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने नवंबर 2014 और जनवरी 2016 के बीच 10 मौकों पर पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया था। इसमें पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 12 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13.77 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। वहीं अक्टूबर 2017 में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपए प्रति लीटर की कटौती की और एक साल बाद पेट्रोल पर फिर से 2 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 1.5 रुपए की कटौती की गई। लेकिन जुलाई 2019 में, कर में 2 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई।

अभी कितना वसूला जा रहा उत्‍पाद शुल्‍क

सरकारी आंकड़े के अनुसार,महामारी की शुरुआत के बाद 2020 में अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें दुर्घटनाग्रस्त हो गईं, तो सरकार ने मार्च 2020 और मई 2020 के बीच दो किश्तों में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 13 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 16 रुपए की बढ़ोतरी की। हालाकि इन वृद्धि को नवंबर में वापस ले लिया गया। 2021 और मई 2022 के दौरान पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क अब 19.90 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 15.80 रुपए वसूला जा रहा है।

2014 से पहले पेट्रोल पर 9.48 रुपए प्रति लीटर उत्‍पाद शुल्‍क

संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने से पहले पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपए था, इससे पहले कि यह मई 2020 में क्रमशः 32.98 रुपए और 31.83 रुपए हो गया। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली के एक लिखित उत्तर में कहा कि नवंबर 2021 और मई 2022 के बीच पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमशः 13 रुपए प्रति लीटर और 16 रुपये की कटौती की गई थी।