आर्थिक संकट से गुजर रही वाडिया ग्रुप की एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) ने अपनी सभी फ्लाइट 15 मई तक बुकिंग बंद कर की है। इसके अलावा 9 मई तक की सभी फ्लाइट को रद्द कर दिया गया है। ग्रुप ने एनसीएलटी से दिवालिया घोषित करने की भी मांग की है। इससे पहले सोमवार को गो फर्स्ट ने 3, 4 और 5 मई के लिए फ्लाइट्स कैंसिल करने की बात कही थी। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी DGCA ने सख्त रुख दिखाते हुए फ्लाइट्स कैंसिल होने के बाद पैसेंजर्स को उनका पैसा तुरंत लौटाने को कहा है।

क्यों रद्द करनी पड़ी फ्लाइट

गो फर्स्ट इन दिनों इंजन की सप्लाई ना होने से कैश संकट की समस्या से जूझ रही है। एयरक्राफ्ट इंजन मैन्युफैक्चरर प्रैट एंड व्हिटनी (PW) को गो फर्स्ट को इंजन की सप्लाई करनी थी, लेकिन उसने समय पर इसकी सप्लाई नहीं की। इसके कारण कंपनी के आधे से ज्यादा एयरक्राफ्ट ग्राउंडेड करने पड़े। फ्लाइट रद्द होने के कारण उसके पास कैश की कमी हो गई है। इतना ही नहीं कंपनी के पास फ्यूल भरने तक के पैसे नहीं बचे हैं।

कंपनी पर कितना है कर्ज

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक गो फर्स्ट को बैंक ने 4,500 से 5000 करोड़ रुपये का डेट फैसिलिटी प्रोवाइड कराया है। . कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एयलाइन ने अपने दिवालिया फाइलिंग में कहा है कि उसके पास 6,521 करोड़ रुपये की देनदारी है। एयरलाइन ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) दिल्ली के पास समाधान कार्यवाही यानी रिजॉल्यूशन प्रोसेस के लिए एक आवेदन दायर किया है।

2005 में उड़ी थी पहली फ्लाइट

बता दें कि 29 अप्रैल 2004 को गो फर्स्ट की शुरुआत हुई थी। इसकी पहली फ्लाइट नवंबर 2005 में मुंबई से अहमदाबाद के लिए पहली फ्लाइट ऑपरेट की। एयरलाइन के बेड़े में 59 विमान शामिल हैं। इनमें से 54 विमान A320 NEO और 5 विमान A320 CEO हैं। गो फर्स्ट 35 डेस्टिनेशन के लिए अपनी फ्लाइट ऑपरेट करता है। इसमें से 27 डोमेस्टिक और 8 इंटरनेशनल डेस्टिनेशन शामिल हैं। पहले इस कंपनी को गो एयर के नाम से जाना जाता था। 2021 में इसका नाम बदलकर गो फर्स्ट कर दिया गया।