केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजट पेश करते हुए तमाम क्षेत्रों के साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर भी नई नीति को लाने की घोषणा की है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए शून्य जीवाश्म ईंधन नीति के साथ विशेष गतिशीलता क्षेत्र पेश किए जाएंगे जिसमें शहरी क्षेत्रों में जगह की कमी को देखते हुए एक बैटरी स्वैपिंग नीति लाई जाएगी।  

वित्त मंत्री की इस घोषणा का सीधे शब्दों में अर्थ जानें तो शहरी क्षेत्रों में ऐसे क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जाएगा जहां सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों के चलने की अनुमति होगी।

इसके अलावा जिस नई बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी की बात कही गई है वो देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के चलन को बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगी।

इस पॉलिसी के मुताबिक, ऐसे चार्जिंग स्टेशन का निर्माण किया जाएगा जिसमें आप चार्जिंग के लिए अपने इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी दे सकते हैं और वहां अपनी बैटरी को बदल भी सकते हैं।

उदाहरण के लिए आप स्कूटर के दिल्ली के किसी एक छोर से दूसरे छोर पर जा रहे हैं और रास्ते में आपके स्कूटर की बैटरी की चार्जिंग खत्म होने वाली है तो ऐसे में आप अपने निकटतम चार्जिंग स्टेशन पर जाकर अपने स्कूटर की डिस्चार्ज बैटरी को वहां देकर चार्ज बैटरी वहां से ले सकेंगे।

वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनों के सामने सबसे बड़ी समस्या उनकी चार्जिंग और उसमें लगने वाला समय है जिसको इस नई  बैटरी स्वैपिंग नीति के जरिए हल किया जा सकेगा।

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इस बैटरी स्वैपिंग नीति को सरकार खुद संचालित करेगी या इसके लिए पीपीई मॉडल पर काम किया जाएगा ये सरकार आने वाले दिनों में बताएगी।

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बैटरी स्वैपिंग नीति के आने से लोगों का समय बच जाएगा जो उनके इलेक्ट्रिक स्कूटर, बाइक या कार की बैटरी को चार्ज होने में लगता है जिससे समय और धन दोनों की बचत होना तय है।

आपको बताते चलें कि विश्व में भारत इलेक्ट्रिक व्हीकल के एक बड़े बाजार के रूप में उभर रहा है जिसमें इन इलेक्ट्रिक वाहनों की खपत भी है और उत्पादन भी।

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की भारी मांग को देखते हुए आज लगभग हर कंपनी अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को बाजार में लॉन्च कर रही है इस बैटरी स्वैपिंग नीति के आने के बाद न सिर्फ इन इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन बढ़ेगा बल्कि पेट्रोल  और डीजल वाहनों पर निर्भरता भी काफी हद तक कम हो सकेगी।