कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देश में भर लॉकडाउन लागू किया गया है। ऐसे में लोगों को घर से बेवजह बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके। ऐसे में सरकार एक नई योजना पर काम कर रही है, जिसके तहत आपको पेट्रोल और CNG खरीदने के लिए फ्यूल स्टेशन पर जाने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि फ्यूल को सीधे आपके घर पर डिलीवर किया जाएगा।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मीडिया को दिए गए अपने एक बयान में कहा कि, सरकार पेट्रोल और CNG की होम डिलीवरी पर विचार कर रही है। ताकि लॉकडाउन के दौरान लोगों को फ्यूल स्टेशन पर सहूलियत दी जा सके। बताते चलें कि, देश में डीजल की होम डिलीवरी पहले से ही की जा रही है। इसके अलावा सरकार एक और मॉडल पर काम कर रही है, ताकि एक ही सेंटर पर पेट्रोल, डीजल, CNG, LNG और LPG को उपलब्ध कराया जा सके।

मौजूदा समय में केवल पेट्रोल और डीजल ही एक सेंटर पर मिलते हैं। इसके अलावा CNG और LPG के लिए अलग स्टेशन उपलब्ध हैं। सरकार की योजना है कि ग्राहकों को एक ही छत के नीचे सभी तरह के फ्यूल (ईंधन) उपलब्ध कराए जाएं। खासकर एलपीजी सिलिंडरों के डिस्ट्रिब्यूशन की प्रक्रिया बिल्कुल ही अलग है, सरकार इसे भी एक ही सेंटर में शामिल करने की योजना पर काम कर रही है।

डीजल की होती है होम डिलीवरी: बता दें कि, देश की सबसे बड़ी ईंधन रिटेलर इंडियन ऑयल कॉर्प (IOC) ने साल 2018 में एक मोबाइल डिस्पेंसर के माध्यम से डीजल की होम डिलीवरी शुरू की थी। हालांकि यह सेवा देश के केवल कुछ शहरों में ही उपलब्ध है। इसी आधार पर सरकार पेट्रोल और CNG की भी डिलीवरी की योजना बना रही है।

पेट्रोल पंप पर संक्रमण फैलने का खतरा: कुछ दिनों पहले एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें बताया गया था कि पेट्रोल पंप पर कोरोना वायरस (COVID-19) के वायरस के संक्रमण के फैलने की डर ज्यादा है। हाल ही में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के वायरोलॉजिस्ट डॉ. जॉय ग्रोव ने अपने एक बयान में कहा था कि,किसी धातु या प्लास्टिक से बनी सतह पर वायरस कई दिनों तक ज़िंदा रह सकता है। इसके अलावा पेट्रोल पंप पर इस बात की तस्दीक करना भी मुश्किल है कि, व्यक्ति कहां से आ रहा है। ऐसे में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

भारत दुनिया में तेल का तीसरा सबसे बड़ा खरीदार है, लेकिन देश भर में बीते 23 मार्च से लागू किए गए लॉकडाउन के चलते तेल की मांग में भारी गिरावट आई है। रिपोर्ट के अनुसार देश भर में ईंधन की खपत अकेले अप्रैल महीने में लगभग 70% कम हो गई। इसमें पेट्रोल की मांग पिछले साल के समान समय से लगभग 47% कम है, जबकि डीजल की खपत लगभग 35% कम हो गई है।