New Motor Vehicle Act: बीते 1 सितंबर से देश में नए मोटर व्हीकल एक्ट (MVA) को लागू कर दिया गया है। नए नियमों को लागू करने के साथ ही ट्रैफिक चालानों में भी भारी बढ़ोत्तरी की गई थी। लेकिन गुजरात राज्य सरकार ने अपने नागरिकों को थोड़ी राहत दी है। सरकार के नए आदेश के अनुसार नगर निगमों और नगर पालिकाओं के तहत आने वाले क्षेत्रों में यानी की शहरी क्षेत्रों में हेलमेट पहन कर वाहन चलाने की अनिवार्यता पर थोड़ी ढील दी है। लेकिन हाईवे और अन्य क्षेत्रों में हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा।

सरकार द्वारा कुछ महीने पहले संसद द्वारा संशोधित अधिनियम के तहत अनिवार्य नियम के खिलाफ कई आवेदन मिले थें। जिसमें लोगों ने शहरी क्षेत्र में हेलमेट पहनने की अनिवार्यता पर सवाल खड़ा किया था। लोगों की शिकायत के बाद राज्य सरकार ने ये निर्णय लिया है और शहरी क्षेत्र में दोपहिया वाहन सवारों के लिए हेलमेट पहनने को स्वैच्छिक निर्णय बताया है।

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परिवहन मंत्री आर सी फाल्डू ने गांधीनगर में एक कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से कहा कि, कैबिनेट ने राज्य के नगर निगमों और नगर पालिकाओं की सीमा में हेलमेट स्वैच्छिक पहनने का नियम बनाने का फैसला किया है। यानी कि, ये दोपहिया वाहन चालक की इच्छा पर निर्भर करता है कि वो हेलमेट पहने या नहीं। हालांकि, उन्होनें ये भी कहा कि ये ढील केवल इन्हीं क्षेत्रों में दी गई है हाईवे और ग्रामिण क्षेत्रों में नियम पहले की तरह ही लागू रहेंगे।

बता दें कि, नए मोटर व्हीकल एक्ट के लागू होने के बाद जुर्माने की राशि में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। अब बिना हेलमेट के वाहन चलाते हुए पकड़े जाने पर 1,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। जो कि पहले महज 100 रुपये ही था। इस बात को लेकर देश के कई हिस्सों में लोगों ने विरोध भी किया था।

हाल ही में मेरठ में एक युवक का बिना हेलमेट पहन कर वाहन चलाने पर चालान काट दिया गया था। जिसके बाद उक्त युवक से पुलिस के सामने ही अपनी बाइक तोड़ डाली थी। इसके अलावा एक अन्य मामले में एक युवक ने चालान का विरोध करने के लिए अपनी बाइक को ही आग लगा दी थी। गुजरात पहला ऐसा राज्य है जहां पर हेलमेट को लेकर ढील दी गई है। देश के अन्य राज्य सरकारें भी ऐसा पहल कर सकती हैं।