Microdots Technology for Vehicles: देश में वाहन चोरी और नकली स्पेयर पार्ट्स के प्रचलन पर नकेल कसने के लिए सरकार ने एक अनूठा कदम उठाया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने केंद्रीय वाहन वाहन में संशोधन करने के लिए 24 जुलाई 2019 को एक मसौदा अधिसूचना जारी किया है। इस नए नियम के अनुसार वाहन, उनके स्पेयर पार्ट्स और अन्य कल पूर्जों अदृश्य माइक्रोडोट्स लगाए जाएंगे।
ये माइक्रोडॉट्स आसानी से देखें नहीं जा सकेंगे, इन्हें देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी या पराबैंगनी प्रकाश स्रोत की जरूरत होगी। इससे उन्हें चोरी से बचाने एवं फर्जी कल-पुर्जों के इस्तेमाल पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। मोटर वाहन नियमों में संशोधन के लिए सरकार की ओर से सोमवार को जारी मसौदा अधिसूचना में यह बात कही गयी है।
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मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, ‘केंद्रीय मोटर वाहन नियम में संशोधन को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी मसौदा अधिसूचना जीएसआर 521 (ई) के तहत प्रस्तावित किया गया है। माइक्रोडॉट्स तकनीक के तहत वाहन के कल-पुर्जों या किसी भी मशीन पर बिल्कुल छोटे बिन्दु स्प्रे किये जाते हैं। यह अनूठी पहचान प्रदान करता है।
इस प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से वाहन चोरी पर नजर रखने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही नकली कलपुर्जों का इस्तेमाल होने से भी बचा जा सकेगा। मंत्रालय ने इस मसौदा अधिसूचना पर 30 दिन के भीतर संबद्ध पक्षों से सुझाव एवं आपत्तियां आमंत्रित की हैं।
विश्व स्तर पर होता है प्रयोग: माइक्रोडॉट तकनीक का विश्व स्तर पर उपयोग किया जाता है और इसमें सूक्ष्म वाहन डॉट्स वाहनों के बॉडी और अन्य पॉर्टस पर लगाया जाता है। यह इसे एक विशिष्ट पहचान देता है। सबसे खास बात ये है कि इसे आसानी से हटाया नहीं जा सकता है, जब तक कि वाहन के उस हिस्से को डैमेज न किया जाए जहां पर ये डॉट्स लगे हों। इस माइक्रोडॉट तकनीक की मदद से, सरकार का उद्देश्य भारत में वाहन चोरी को रोकना है। इसके अतिरिक्त, यह तकनीक देश में नकली स्पेयर पार्ट्स के उपयोग पर लगाम लगाने में मदद करेगी।
इनपुट: भाषा