देश के कार मार्केट में 50 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी मारुति सुजुकी भारत में 2 करोड़ से ज्यादा कारें बेच चुकी है। यही नहीं देश में आम आदमी की पहली कार ‘मारुति 800’ लॉन्च करने वाली कंपनी बीते 8 सालों में ही 1 करोड़ से ज्यादा कारें बेच चुकी है। ऐसे देश में जहां फोर्ड, जनरल मोटर्स जैसी कई दिग्गज कंपनियों को अपना कारोबार समेटना पड़ा है, वहां आखिर मारुति सुजुकी को इतनी बड़ी कामयाबी कैसे मिली? यह सवाल अकसर ऑटो सेक्टर पर नजर रखने वाले लोगों के दिमाग में उठता रहा है। दरअसल इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि मारुति सुजुकी ने भारतीय उपभोक्ताओं की जरूरतों और उनकी क्रय शक्ति को समझा है और उसके मुताबिक ही मॉडल उतारे हैं। आइए जानते हैं क्यों मारुति सुजुकी की कारें भारत में इतनी लोकप्रिय हैं…
सुजुकी के साथ 1982 में ज्वाइंट वेंचर में आने के बाद मारुति ने 40 हजार मारुति 800 कार बेचने का टारगेट रखा था। मारुति 800 को भारतीय लोगों ने बेहद पसंद किया क्योंकि यह मिडिल क्लास के बजट की कार थी। मारुति 800 कार से भारतीय लोगों में मारुति सुजुकी की पैठ बन गई। मारुति सुजुकी ने भारत की मार्केट और लोगों के क्षमता को अच्छे से समझा। मारुति सुजुकी की 800 से लेकर ऑल्टो, वैगनआर, स्विफ्ट जैसी कारों ने भारतीय बाजार में जमकर धूम मचाई। ये सभी कारें इसलिए कामयाब हुईं क्योंकि मारुति सुजुकी ने कम दाम में पर्याप्त फीचर्स दिए।
मारुति सुजुकी की कारों की फ्यूल इफिशिएंसी दूसरी कम कारों के मुकाबले ज्यादा है। इसने मारुति सुजुकी को भारतीय मार्केट में पकड़ बनाने में मदद की। तेल की कीमतें बढ़ने पर मारुति सुजुकी ने अपने ग्राहकों को सीएनजी कार की सुविधा भी प्रदान की। इसके अलावा मारुति सुजुकी का मेंटेनेंस कॉस्ट बेहद कम है। कंपनी के बेहतरीन सेल्स नेटवर्क ने कंपनी के साथ ग्राहकों को अनुभव अच्छा किया। इससे ग्राहकों को कार की सर्विस आदि के लिए दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता।
मारुति सुजुकी ने विभिन्न ग्राहकों के बजट के हिसाब से कई सेगमेंट की कारें मार्केट में उतारीं। मारुति सुजुकी की कारें मारुति 800 से ऑल्टो, वैगनआर और स्विफ्ट बदलते वक्त के साथ भारतीय मध्यम वर्ग की पसंद बनती रही हैं। इसके मारुति सुजुकी की वैन और जिप्सी ने भी भारतीय मार्केट में अच्छी पकड़ बनाई। मारुति सुजुकी 40 लाख से ज्यादा ऑल्टो कारें बेच चुकी है।