भले ही देश में तमाम ऑटो कंपनियां कारों और बाइक पर जीएसटी में कमी की मांग कर रही हैं, लेकिन देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने सरकार का समर्थन किया है। कंपनी ने कहा कि कारों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए तत्काल टैक्स में कटौती करने की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि कंपनी ने दिसंबर के बाद मांग में अनिश्चितता की आशंका भी जताई है। बता दें कि कोरोना काल में कई कार कंपनियों ने सरकार से टैक्स में 10 फीसदी तक की कटौती की मांग की थी ताकि ऑटो सेक्टर में डिमांड बढ़ सके। कंपनियों का कहना था कि कोरोना काल में सेल स्थिर हो गई है और उसमें तेजी लाने के लिए टैक्स कटौती जैसा कदम उठाया जाना चाहिए।
मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने बताया कि उत्पादन में कमी के कारण बिक्री पर बड़ा असर पड़ रहा है और मांग में कोई वास्तविक मंदी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि मारुति सुजुकी ने तिमाही में अपने मुनाफे में 1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की क्योंकि अनलॉक के बाद से ग्राहक शोरूमों में वापस लौटे हैं। भार्गव ने आगे कहा कि इस समय जब मांग में कोई कमी नहीं है तो उत्पादन किया जा सकता है, ऐसे में कार टैक्स में राहत देना फिलहाल अनावश्यक होगा।
भार्गव के अनुसार अक्टूबर और दिसंबर के बीच पर्सनल व्हीकल की मांग में इजाफा होने के चलते फेस्टिव सीजन के दौरान अच्छी ब्रिक्री होने की उम्मीद है। दिवाली त्योहार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह अभी मिड-नवंबर में समाप्त होनी है। हालांकि, जनवरी से बिक्री की स्थिति का अनुमान लगाना कठिन होगा, क्योंकि कारों की छोटी अवधि की मांग अब काफी हद तक पूरी होने की उम्मीद है। रिफाइनिटिव के आंकड़ों की मानें तो, मारुति को सितंबर 30 तक तीसरी तिमाही में 13.72 बिलियन रुपये (186 मिलियन डॉलर) का लाभ मिला है।
दरअसल घरेलू मार्केट में मारुति सुजुकी की कार सेल में सितंबर में समाप्त हुई तिमाही में 18.6 पर्सेंट का इजाफा देखने को मिला है। दरअसल छोटी कारों की डिमांड में तेजी से इजाफा हुआ है और इसके चलते कंपनी को फायदा हुआ है। हालांकि कच्चा माल महंगा होने और टैक्स में इजाफे के चलते कंपनी को सेल के अनुपात में मुनाफा नहीं मिल पा रहा।