देश में वाहनों की बिक्री में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। बीते मई महीने में यात्री वाहनों की बिक्री का स्तर 18 साल में सबसे कम रहा है। वाहनों की बिक्री में आई इस गिरावट के पीछे दिग्गज सबसे बड़ा कारण GST, गुड्स एंड सर्विस टैक्स को मान रहे हैं।

देश के प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनन्द महिंद्रा ने कहा कि, हम समुद्र मंथन के लिए एक मंदार पर्वत की तलाश कर रहे है जिससे अर्थव्यवस्था में कुछ हलचल हो। वहीं फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ने भी GST कम करने की मांग की है।

आनन्द महिंद्रा ने बुधवार को कहा कि वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कमी से अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग का बहुत अधिक असर छोटी कंपनियों एवं रोजगार पर पड़ता है। महिंद्रा ने वाहनों की बिक्री में मई में 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के बीच उद्योगों द्वारा जीएसटी में कमी की मांग का समर्थन किया।

आनन्द महिंद्रा ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्वीटर पर लिखा कि, ‘हम समुद्र मंथन के लिए एक मंदार पर्वत की तलाश कर रहे हैं जिससे अर्थव्यवस्था में कुछ हलचल हो। मैं निश्चित रूप से पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो सकता हूं लेकिन कहना चाहता हूं कि वाहन उद्योग इसी तरह की मथनी का काम कर सकती है। इसका छोटी कंपनियों एवं रोजगार पर कई गुना असर होता है। जीएसटी में कमी से फायदा होगा।’

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के पूर्व प्रमुख जॉन के पॉल ने भी वाहनों पर कम जीएसटी लेने की मांग की है। उनके मुताबिक वाहनों पर जीएसटी दर में कमी से भारतीय वाहन उद्योग की वृद्धि को फिर से बल मिल सकता है। उल्लेखनीय है कि देश का वाहन उद्योग रोजगार देने के मामले में तीसरे स्थान पर है।

इससे पहले सोसायटी ऑफ ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री (सियाम) ने भी आगामी बजट में वाहनों पर जीएसटी को घटाकर 18 प्रतिशत करने की मांग की थी। अभी वाहनों पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है। बता दें कि मई माह में लगातार सातवें महीने यात्री वाहनों की बिक्री में कमी आई है।

एक साल पहले मई में जहां 3,01,238 वाहन बिके थे वहीं इस साल मई में यह संख्या घटकर 2,39,347 रह गई। वास्तव में अक्टूबर को छोड़कर पिछले 11 में से दस महीने यात्री वाहनों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई।

इनपुट: भाषा