Electric Vehicle GST: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) परिषद ने इलेक्ट्रिक वाहनों तथा चार्जरों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत करने का शनिवार को निर्णय लिया। नयी दरें एक अगस्त से प्रभावी होंगी। वित्त मंत्रालय ने जीएसटी परिषद की 36वीं बैठक के बाद एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। यह कदम पर्यावरण के अनुकूल आवागमन के समाधानों को तेजी से अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिये उठाया गया है।
सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गयी है। इसके साथ ही ऐसे वाहनों के बैटरी चार्जरों और चार्जिंग स्टेशनों पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गयी है। बयान में कहा गया कि स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा 12 यात्रियों से अधिक क्षमता वाली इलेक्ट्रिक बस को किराये पर लेने में जीएसटी में छूट देने का भी निर्णय लिया गया। यह निर्णय भी एक अगस्त से प्रभावी होगा।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई इस बैठक की अध्यक्षता की। इस परिषद में सभी राज्यों राज्यों के वित्त मंत्री सदस्य हैं। GST परिषद ने इसके अलावा भी कुछ अन्य निर्णय लिये। परिषद ने सेवाओं के एक्सक्लूसिव (अलग) आपूर्तिकर्ताओं द्वारा कर भुगतान के विकल्प का लाभ उठाने के लिये जीएसटी सीएमपी02 फॉर्म में सूचना भरने की समयसीमा को 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर कर की है।
इसके अलावा जून तिमाही के लिये (एकमुश्त कर जमा योजना के तहत) जीएसटी सीएमपी08 फॉर्म में स्व-आकलन के आधार पर कर संबंधी विवरण प्रस्तुत करने की समयसीमा भी 31 अगस्त तक बढ़ा दी गयी है। यह समयसीमा भी इससे पहले 31 जुलाई को समाप्त हो रही थी।
सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के चलन को प्रोत्साहित कर रही है। आम बजट 2019-20 में ऐसे वाहनों की खरीद के लिए कर्ज पर 1.5 लाख रूपये तक के ब्याज पर आयकर में कटौती का लाभ दिया गया है। सरकान ने इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण और चलन को अधिक तेज बनाने को प्रोत्साहन के कार्यक्रम- फेम-2 के लिए 10,000 करोड़ रुपये का कार्यक्रम प्रस्तुत किया है। इसके तहत ऐसे वाहनों पर सब्सिडी देने की व्यवस्था है।
फैसले का हुआ स्वागत: इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माताओं की सोसायटी (SMEV) ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। सोसायटी ने कहा कि यह पर्यावरण के अनुकूल गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों में से एक है।
SMEV के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि GST में कमी के साथ, इलेक्ट्रिक वाहनों और फ्यूल इंजन से चलने वाले वाहनों की कीमतों के बीच का अंतर भी कम हो जाएगा और इस प्रकार ये इलेक्ट्रिक वाहनों गतिशीलता को तेजी से अपनाने में एक भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा, “हम GST में 7% की कमी का स्वागत करते हैं, अगर FAME-II नमनीय होता, तो निश्चित रूप से राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति में GST में की गई कमी एक बेहतर बदम होगा। बता दें कि, GST काउंसिल का ये फैसला अगले 1 अगस्त से लागू कर दिया जाएगा।
इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहन के चार्जर पर भी GST को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
हाल ही में भारतीय बाजार में हुंडई ने देश की पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी Hyundai Kona को लांच किया था। जिसकी कीमत 25.30 लाख रुपये तय की गई है। इसके अलावा मारुति सुजुकी भी अपनी लोकप्रिय हैचबैक कार वैगनआर के इलेक्ट्रिक संस्करण को जल्द ही बाजार में उतारने की तैयारी कर रही है।
इनपुट: भाषा