Delhi Government Electric Vehicle Policy: देश में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2024 तक दिल्ली में 5 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को रजिस्टर करने का लक्ष्य रखा है। सोमवार को दिल्ली कैबिनेट द्वारा पारित की गई नई EV Policy के अनुसार सरकार ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी भी प्रदान करेगी। जिसमें ज्यादातर दोपहिया और वाणिज्यिक वाहन शामिल होंगे।
रिपोर्ट के अनुसार केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार का उद्देश्य 2024 तक कम से कम 25 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों को पंजीकृत करना है। दिल्ली सरकार इस पॉलिसी के तहत कम ये कम 35 हजार इलेक्ट्रिक टू, थ्री और फोर व्हीलर्स के साथ बसों और 1,000 इलेक्ट्रिक वाहनों की डिलीवरी और 250 सार्वजनिक चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों को शामिल करने का लक्ष्य बना रही है। बता दें, दिल्ली सरकार ने अगले तीन वर्षों के लिए सभी बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सड़क कर और पंजीकरण शुल्क को भी माफ कर दिया है।
दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन खरीदने पर बैटरी क्षमता के अनुसार प्रतिकिलोवाट पर 5,000 रुपये की छूट देगी इसके अलावा इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर सरकार की तरफ से 10,000 रुपये प्रति kWh बैटरी क्षमता की दर से छूट दी जाएगी। ये छूट पहली 1,000 कारों पर दी जाएगी जो कि अधिकतम 1,50,000 रुपये तक होगी। इसके अलावा दिल्ली सरकार के अधिकारियों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सभी कारों को अगले 12 महीनों के भीतर इलेक्ट्रिक कारों में बदल दिया जाएगा।
नीति में यह भी कहा गया है कि नए घर और जहां आप काम करते हैं वहीं की पार्किंग में EV वहनों के लिए 20 प्रतिशत पार्किंग आरक्षित होगी।। दिल्ली सरकार घरों और कार्यस्थलों पर पहले 30,000 चार्जिंग पॉइंट के लिए 6,000 रुपये प्रति यूनिट तक की लागत वाले उपकरणों की खरीद के लिए 100 प्रतिशत सब्सिडी भी प्रदान करेगी।
नई नीती के तहत ई-रिक्शा और माल ढ़ोने वाले वाहनों को 30,000 रुपये का इंटरेस्ट और लोन लेने पर 5 प्रतिशत का ब्याज इंटरेस्ट लिया जाएगा। राज्य ने नवंबर 2018 में यह इलेक्ट्रिक वाहन नीति पेश की गई थी। जिसका उद्देश्य दिल्ली में प्रदुषण को नियंत्रण कर वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है। इस नीति के जरिए लोगों को बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (BEV) को खरीदने में आसानी होगी ।