लगातार बढ़ती तेल की कीमतें एक तरफ लोगों के बजट को बिगाड़ रही हैं तो दूसरी तरफ बढ़ते वायु प्रदूषण से लोगों की सेहत भी बिगड़ रही है। जिसको देखते हुए तमाम ऑटोमोबाइल कंपनियों ने इलेक्ट्रिक बाइक, स्कूटर और कार बनाने की शुरुआत कर दी है ताकि लोगों को तेल की कीमतों और वायु प्रदूषण दोनों से ही निजात मिल सके।

अगर आप भी एक इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने का मन बना रहे हैं लेकिन तय नहीं कर पा रहे हैं तो हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देने वाले हैं जिनको पढ़ने के बाद आप अपनी जरूरत को देखते हुए अपनी पसंद का ई स्कूटर खरीद सकेंगे जो आपकी सेहत और जेब के बजट दोनों में फिट बैठता है। तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे पाइंट्स के बारे में जो आपको ई स्कूटर खरीदने में बेहद मददगार साबित होने वाले हैं।

1 कीमत: आज मार्केट में तमाम कंपनियों के इलेक्ट्रिक स्कूटर मौजूद हैं जिनकी रेंज 30 हजार से लेकर 1.50 लाख रुपये तक है। इन इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आपको हर तरह की लेटेस्ट टेक्नोलॉजी मिल जाएगी लेकिन आप अपने बजट को देखते हुए तय कीजिए की किस कंपनी का स्कूटर आपके बजट में है।

2. जरूरत: सबसे पहले आप खुद से ये सवाल कीजिए की आपको इलेक्ट्रिक स्कूटर की कितनी जरूरत है। पड़ोसी को देखकर या लगातार लॉन्च हो रहे ई स्कूटर को देखकर ही इनको खरीदने का मन मत बनाइए। पहले आप ये देखिए की आप घर से अपने ऑफिस और दूसरी जगह पर कितनी दूरी तय करते हैं। क्योंकि ज्यादा दूरी होने पर ये ई स्कूटर आपके लिए बेहतर ऑप्शन बिल्कुल साबित नहीं होगा। इसके अलावा आप ई स्कूटर को प्रतिदिन चार्ज कहां और कैसे कर सकेंगे। (ये भी पढ़ें- भारत की टॉप 5 CNG कार जो दिलाएंगी पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से आजादी)

3. माइलेज: ई स्कूटर में माइलेज का मतलब होता है एक बार चार्ज करने पर ये स्कूटर कितने किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। इसलिए कोई भी ई स्कूटर लेने से पहले उसकी माइलेज पर ध्यान जरूर दें। कभी भी कंपनी के दावे पर आंख बंद कर भरोसा न करें आप खुद हो सके तो टेस्ट ट्राइव लें या थोड़ी मेहनत कर सकें तो उन ग्राहकों से बात करने की कोशिश करें जो ये स्कूटर यूज कर रहे हैं तब आपको उस ई स्कूटर की असली माइलेज का पता चल सकेगा।

4. बैटरी: जैसे पेट्रोल बाइक में उसका मुख्य हिस्सा होता है इंजन उसी तरह इलेक्ट्रिक स्कूटर में उसका मुख्य अंग होता है उसकी बैटरी। इसलिए ई स्कूटर खरीदने से पहले उसकी बैटरी के बारे में पूरी जानकारी ले जैसे बैटरी कितने वॉट क्षमता वाली है, बैटरी वाटरप्रूफ है या नहीं, शॉकप्रूफ है या नहीं और रिप्लेसमेंट के लिए क्या शर्तें हैं।

क्योंकि अक्सर देखने में आता है कि ग्राहक के ई स्कूटर की बैटरी कुछ ही महीनों में खराब हो जाती है जिसके बाद कंपनी में भी कोई सुनवाई नहीं होती ऐसी सूरत में ग्राहक को हजारों रुपये खर्च कर नई बैटरी लेनी पड़ती है।

5. सर्विस: कोई भी ई स्कूटर खरीदने से पहले उसकी सर्विस का ध्यान रखेंगे तो भविष्य में आपको परेशान नहीं होना पड़ेगा। पेट्रोल बाइक के लिए आपको गली नुक्कड़ पर मकैनिक मिल जाएगा लेकिन इलेक्ट्रिक स्कूटर का कॉनसेप्ट नया होने के चलते न तो इसके मकैनिक आपको आसानी से मिलेंगे और न सर्विस सेंटर। इसलिए बेहतर होगा कि आप स्कूटर लेने से पहले अपने एरिया में उसका सर्विस सेंटर, कंपनी द्वारा ई स्कूटर के अंदरूनी और बाहरी पुर्जों पर दी जाने वाली वारंटी या गारंटी की शर्तों को ध्यान से समझ लें।