समृद्धि और उत्सव के साथ को लेकर नैतिक विरोधाभास की चाहे जितनी रेखाएं हम खींच लें पर इन दोनों की करीबी को झुठला नहीं सकते। पीत वस्त्र से शुरू होकर पीले धातु तक फैली व्रत-त्योहार की आनुष्ठानिक परंपरा पुरानी है। लिहाजा बात त्योहार की हो और सोने-चांदी की न हो, ऐसा नहीं हो सकता। कोरोना संकट के दौरान पिछले साल त्योहारी मौसम संयम और सांसत में बीता था। इस बार स्थिति थोड़ी सामान्य हुई है तो लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं और त्योहारी चहल-पहल पूरे देश में नजर आ रही है। ऐसे में इस सर्राफा बाजार गुलजार रहने की भरपूर संभावना है। कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियां हटाए जाने के बीच सोने की कीमत रेकार्ड स्तर से काफी नीचे आ गई है। त्योहारों के बाद शादियों का भी दौर शुरू होगा, जिसकारण खरीदारी बढ़ने की खूब संभावना है।
अच्छे कारोबार की उम्मीद में देशभर के ज्वेलर्स भी पहले से तैयारी कर चुके हैं। त्योहारी मौसम में गहनों की सबसे ज्यादा बिक्री होती है और वे इस अवसर का भरपूर लाभ उठाना चाहते हैं। लिहाजा कंपनियों और छोटी बड़ी दुकानों की तरफ से ग्राहकों के लिए लुभावने प्रस्ताव भी हैं। धनतेरस का आना अभी शेष है, जब सोना खरीदना सबसे शुभ माना जाता है।
जेवरात कारोबार से जुड़े जानकारों का अनुमान है कि इस साल त्योहारी मौसम में सोने की बिक्री कोरोना-पूर्व यानी 2019 की समान अवधि की तुलना में 15 फीसद तक अधिक हो सकती है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, अक्तूबर-दिसंबर 2019 के दौरान देश में 194.3 टन सोना बिका था। इस साल की समान तिमाही में 223.1 टन सोना बिक सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, पिछले साल सोने की कीमतों में रेकार्ड तेजी, पूर्णबंदी और शादी-ब्याह टलने के कारण लोग सोना खरीदने से बच रहे थे। इसके कारण पिछला त्योहारी मौसम फीका रहा था। लेकिन इस साल वैश्विकऔर घरेलू अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने के कई संकेतों के कारण निवेश के लिए सोने की मांग घटी है। नतीजतन कीमतों में गिरावट का रुझान है।
पिछले साल अगस्त में सोने का भाव रेकार्ड स्तर पर था। 56,200 रुपए की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद सोने के भाव को लेकर तब उसी तरह की बात हो रही थी जैसे आज सेंसेक्स के इसी त्योहारी मौसम या साल के अंत तक साठ हजारी हो जाने की उम्मीद की जा रही है। पर इस साल न सिर्फ तेजी का रुख थमा है बल्कि कीमत घटने के साथ खरीदारी का आंकड़ा फिर से चढ़ने लगा है। इन दिनों सोने का भाव पचास हजार रुपए से नीचे चल रहा है। ऐसे में स्वाभाविक तौर पर सोने की खरीद को लेकर आकर्षण बढ़ा है।
टाइटन कंपनी की चीफ डिजाइन आफिसर रेवती कांत बताती हैं कि कोविड-19 की तीसरी लहर का खास डर नहीं दिख रहा है। इस बीच, प्रीमियम रेंज की खरीदारी काफी बढ़ गई है। हमें उम्मीद है कि बिक्री के लिहाज से यह सीजन पिछले साल से बेहतर रहेगा। इसी तरह स्टैंडर्ड चार्टर्ड पीएलसी के एनालिस्ट सुकी कूपर कहते हैं कि अर्थव्यवस्था में तेजी आने के साथ देश में सोने का आयात बढ़ा है। पेंट-अप डिमांड भी ऊंचे स्तर बनी हुई है। निवेश मांग की कमी के चलते फिजिकल मार्केट में सोने की कीमत कम ही रहने वाली हैं। आल इंडिया जेम्स एंड जूलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन आशीष पेठे को लगता है कि सोने की कीमतों में नरमी के रुख के कारण इस साल शादियां भी अधिक होंगी और सोने की खरीदारी भी। जाहिर है कि ऐसे में चालू तिमाही में सोने की बिक्री 2019 की समान अवधि की तुलना में ज्यादा होने की उम्मीद है।