कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सरकार ने “शून्य-राशि वाला बजट” दिया, जिसमें मध्यम वर्ग, किसानों और गरीबों के लिए कुछ भी नहीं है। उनके बयान पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने तंज कसते हुए कहा कि “राहुल गांधी को तो गणित समझने में दिक्कत होती है, इसलिए उन्हें बजट में सब शून्य ही दिखाई देगा। दूरदर्शिता के उपाय विपक्षी नेता को समझ में नहीं आते हैं।”

उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार जो कुछ भी करती है, उसके प्रति उनका नकारात्मक रवैया ही रहता है। गोयल ने कहा, “राहुल गांधी को गणित की समस्या है, वह हर उस चीज को देखेंगे, जिसमें शून्य का योग है।” कहा कि बजट को समझने के लिए आपको (विपक्ष) बुद्धि की जरूरत है। मेरा मानना ​​है कि वित्तमंत्री ने देश के विकास का नया तरीका दिखाया है। हर बुद्धिमान व्यक्ति ने बजट और उसके दृष्टिकोण का स्वागत किया है।

पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्रीय बजट 2022 समावेशी विकास के दृष्टिकोण को दर्शाता है। डिजिटल मुद्रा पर बोलते हुए कहा, “आरबीआई एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा जारी करेगा ताकि भारत पीछे न रह जाए, जबकि दुनिया ब्लॉकचेन और नई तकनीकों के साथ आगे बढ़े।” सरकार निजी क्रिप्टोकरंसी को लीगल टेंडर नहीं मानती, आरबीआई डिजिटल रुपया जारी करेगा।

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में कहा, “हमारे देश में चारों ओर निराशा है, हमारे युवाओं का कोई भविष्य नहीं है और एक बार फिर मोदी सरकार का बजट इस दर्दनाक वास्तविकता को पूरी तरह से नजरअंदाज करता है।”

उनके इस बयान पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “मैं चाहती हूं कि सबसे पुराने राजनीतिक दल के नेता के रूप में राहुल गांधी को समझना चाहिए कि क्या कहा जा रहा है।” उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा सरकार पर टिप्पणी करने से पहले कांग्रेस शासित राज्यों में कुछ करना चाहिए।

उधर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मंगलवार को पेश वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट को ‘काफी संतुलित’ बताया जो कोविड बाद सुधार के लिये काफी जरूरी था । संघ से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने मांग की कि सरकार को क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए । आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी राम माधव ने कहा कि बजट में 5जी लागू किये जाने और डिजिटल परिसम्पत्ति पर कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है।

उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की उस घोषणा की सराहना की जिसमें कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने एवं बेहतर मुद्रा प्रबंधन के लिये डिजिटल रूपये पेश करेगा । माधव ने कहा कि बजट में राज्यों के लिये एक लाख करोड़ रूपये तक की अग्रिम उपलब्धता का प्रस्ताव किया गया है जिससे राज्यों एवं केंद्र को कदम से कदम मिलाकर चलने में मदद मिलेगी । उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में चुनाव होने के बाद भी लोकलुभावन बजट की बजाए वित्त मंत्री ने ‘काफी संतुलित’ बजट पेश किया है जो कोविड बाद सुधार की दृष्टि से काफी जरूरी था ।