Budget 2023-24: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने एक फरवरी 2023 को बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में पीएम प्रणाम (PM PRANAM) स्कीम का जिक्र किया। इस योजना को मोदी सरकार (Narendra Modi Government) कृषि प्रबंधन के लिए लाई है। इसमे वैकल्पिक पोषक तत्वों को बढ़ावा देने का काम किया जाएगा, जो राज्यों को रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
मालूम हो कि केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करने के दौरान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का शॉर्ट नामों (एक्रोनिम्स) के प्रति प्रेम फिर से देखने को मिला। इसकी झलक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण में देखने को मिली। दरअसल बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री सीतारमण ने एक नई मिष्टी (Mishti Scheme) योजना के तहत समुद्र तट के किनारे मैंग्रोव वृक्षारोपण की भी घोषणा की।
इसके अलावा बजट 2023-24 में ‘सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए’ गोबर्धन (GOBAR-DHAN) योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की गई। गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन योजना जिसका शार्ट नाम गोबर-धन रखा गया है। इसे स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण-चरण 2 के तहत लागू किया गया है।
हालांकि दिलचस्प शॉर्ट नामों को लेकर मोदी सरकार पहली बार चर्चा में नहीं है। इससे पहले भी कुछ अन्य छोटे नामों से स्कीम सामने आई हैं जो काफी दिलचस्प हैं, आइए डालते हैं उनपर नजर..
उड़ान (UDAN):
योजनाओं के लिए मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए कुछ अन्य संक्षिप्त शब्दों में उड़ान, या उड़े देश का आम नागरिक शामिल है। इसे अप्रैल 2017 में शुरू किया गया था। इसका मकसद कम उपयोग वाले क्षेत्रीय हवाई अड्डों से कनेक्टिविटी में सुधार करने और विकसित करने के लिए है।
शक्ति (SHAKTI):
मोदी सरकार ने शक्ति को नवंबर 2022 में लॉन्च किया था। शक्ति मतलब स्कीम टू हार्नेस एंड अलॉटेट कोयला ट्रांसपेरेंटली इन इंडिया।
सागर (Sagar):
सागर एक संक्षिप्त नाम है। जोकि सरकार द्वारा समुद्री सहयोग के संबंध में है। यह समुद्री क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास से जुड़ा है। इसकी घोषणा मार्च 2015 में की गई थी।
उस्ताद (USTAD):
कौशल और पारंपरिक कला/शिल्प के विकास के लिए उस्ताद एक संक्षिप्त नाम है। इसकी घोषणा केंद्र सरकार ने 2015 में की थी। जिसे पारंपरिक शिल्प को बढ़ावा देने और उनके व्यवसायियों का समर्थन करने उद्देश्य से लाया गया है। इसके अलावा PRASHAD को मोदी सरकार ने 2015 में शुरू किया। जिसका लक्ष्य तीर्थयात्रा से जुड़े स्थानों का कायाकल्प करना है।