केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली गुरुवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश किया। करीब दो घंटे के भाषण में जेटली ने बजट के प्रमुख बिंदु गिनाए और आगे की योजना के बारे में सदन को जानकारी दी। बजट 2018 में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के लिए आवंटन की राशि दोगुनी की गई है, विशेष रूप से कृषि प्रसंस्करण और वित्तीय संस्थानों को बढ़ावा दिया जाएगा। सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाकर उत्पादन मूल्य का 1.5 गुना किया जाएगा। कृषि बाजारों के विकास के लिए 2000 करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया जाएगा। ऑपरेशन ग्रीन के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। मत्स्यपालन एवं पशुपालन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष बनाए जाएंगे। बजट 2018 उज्जवला योजना के तहत आठ करोड़ महिलाओं को निशुल्क गैस कनेक्शन, जबकि सौभाग्य योजना के तहत गरीबों को चार करोड़ बिजली कनेक्शन की सुविधा मिलेगी। साल 2022 तक 50 फीसदी एसटी आबादी वाले और 20,000 जनजाति के लिए नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर एकलव्य स्कूल खुलेंगे। स्वास्थ्य सुरक्षा को नए स्तर पर ले जाने का फैसला किया गया है। देश के 10 करोड़ गरीब और वंचित परिवारों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू। इससे लगभग 50 करोड़ लोगों को लाभ होगा।
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को सासंदों की मांग को स्वीकार करते हुए कहा कि उनका वेतन हर पांच साल में मुद्रास्फीति के अनुरूप अपने आप बढ़ा दिया जाएगा। लोकसभा में 2018-19 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए जेटली ने कहा कि वर्तमान प्रणाली, जो सांसदों को उनके वेतन में वृद्धि की सिफारिश के लिए कहती है, की आलोचना हो रही है और उसे बदला जाना चाहिए।