Budget 2024: दिसंबर पूरा होने को है और इसी के साथ साल 2023 भी। नई साल में 1 फरवरी को हर बार की तरह से यूनियन बजट पेश किया जाएगा। Union Budget 2024 में अगर आप किसी बड़े ऐलान का इंतजार कर रहे हैं तो आपको निराशा हाथ लगेगी। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार (7 दिसंबर 2023) को कहा कि 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एक वोट ऑन अकाउंट बजट होगा जो लोकसभा चुनाव से पहले आएगा।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘यह सच है कि 1 फरवरी, 2024 को आने वाला बजजट एक वोट ऑन अकाउंट होगा क्योंकि हम इलेक्शन मोड में यानी चुनावी तैयारियों में होंगे। इसलिए जो बजट सरकार पेश करेगी, वह सिर्फ नई सरकार बनने से पहले, सभी सरकारी खर्चों को पूरा करने के लिए ही पेश किया जाएगा।’
CII Global Economic Policy Forum में बोलते हुए सीतारमण ने कहा कि बजट के समय देश लोकसभी चुनाव की तैयारियां कर रहा होगा जो 2024 में होने हैं।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘वोट ऑन अकाउंट बजट के समय कोई बड़ी घोषणा नहीं की जाती है। इसलिए आपको नई सरकार के बनने और जुलाई 2024 में आने वाले फुल बजट के पेश होने तक इंतजार करना होगा।’
1 फरवरी, 2024 को निर्मला सीतारमण लोकसभा में 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगी। नया वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2024 से शुरू हो रहा है।
अरुण जेटली के बीमार पड़ने के बाद वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने 2019 में अंतरिम बजट पेश किया था। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के लगातार दूसरी बार सत्ता में आने के बाद सीतारमण को वित्त मंत्री बनाया गया था। उन्होंने पांच जुलाई, 2019 को पूर्ण बजट पेश किया था।
वास्तव में लेखानुदान (वोट ऑन अकाउंट) के जरिये नई सरकार के कार्यभार संभालने तक कुछ जरूरी खर्च करने के लिए व्यवस्था की जाती है। सरकारें पूर्व में लेखानुदान के दौरान कोई भी बड़ी नीतिगत घोषणा करने से बचती रही हैं लेकिन बड़ी घोषणाएं करने पर कोई संवैधानिक रोक नहीं है।
गोयल ने 2019 में पेश अंतरिम बजट में 12 करोड़ किसानों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष नकद सहायता दिये की घोषणा की थी। इसके अलावा, मध्यम वर्ग के लिए कर रियायतों की भी घोषणा की थी। इसमें वेतनभोगी वर्ग के लिए मानक कटौती को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करना शामिल था। साथ ही, 2019 के अंतरिम बजट में व्यक्तिगत करदाताओं के लिए पांच लाख रुपये तक की कर योग्य वार्षिक आय पर पूरी तरह से कर छूट की घोषणा की गई। यानी ऐसे करदाताओं को कोई कर देने की जरूरत नहीं होगी, जिनकी सालाना आय पांच लाख रुपये है।