Budget 2019-20 India Income Tax Slab Rates Changes Expectations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का केंद्रीय बजट शुक्रवार (पांच जुलाई, 2019) को आएगा। सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। मोदी 1.0 में सरकार ने इसी फरवरी में जहां अंतरिम बजट में आयकर छूट से जुड़े प्रस्तावों का ऐलान किया था। वहीं, मोदी 2.0 में भी वित्त मंत्री से उम्मीदें हैं कि वह मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए बजट में राहत देने वाली चीजों का ऐलान करेंगी।

इसी बीच, कई विश्लेषकों का मानना है कि यह बजट विकास समर्थक और टैक्स से राहत देने वाला होगा। इन चीजें से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लौटने में मदद मिलेगी, जिसमें इस साल गिरावट देखने को मिली थी। अशोक महेश्वरी एंड एसोसिएट्स में टैक्स और रेग्यूलेट्री के डायरेक्टर संदीप सहगल के मुताबिक, “अंतरिम बजट में ही टैक्स भरने वालों को कई फायदे मुहैया कराने की बात कही गई थी। ऐसे में आने वाले बजट में उस स्तर पर चीजों की उम्मीद तो नहीं है।”

– सूत्रों के हवाले से ‘ब्लूमबर्ग’ की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि वित्त मंत्री आयकर में छूट की सीमा के दायरे को मौजूदा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर तीन लाख रुपए कर सकती हैं। बता दें कि 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने आयकर छूट की सीमा दो लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपए कर दी थी।

– मंत्रालय इसके अलावा आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत बचत और निवेश के लिए कर छूट सीमा को बढ़ा सकता है। मौजूदा समय में यह सीमा 1.5 लाख रुपए है। डेलोआइट हैस्किंस एंड सेल्स एलएलपी के निदेशक नितिन बैजल के अनुसार, बढ़ती महंगाई के स्तर और बढ़ते मेडिकल खर्चों के चलते नीतिकार इस धारा 80डी के अंतर्गत काटी जाने वाली रकम 25 हजार से बढ़ाकर 35 हजार रुपए कर सकते हैं, ताकि हर तबके के मरीजों को आसानी से पर्याप्त इलाज मिल सके।

– सरकार इसके अलावा कर मुक्त बॉन्ड्स को फिर से ला (री-इंट्रोड्यूस) सकती है। ये बॉन्ड्स टैक्स फ्री इसलिए कहे जाते हैं, क्योंकि इन पर मिलने वाले ब्याज पर किसी प्रकार का कर नहीं लगता। यही नहीं, बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (एलटीसीजी) की सीमा भी बढ़ी हुई हो सकती है।