सरकार ने शुक्रवार को कालेधन से संबंधित विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया। विधेयक में विदेशों में अवैध धन रखने वालों के लिए दस साल तक की कड़ी सजा का प्रावधान होने के साथ ही अघोषित संपत्ति की घोषणा करने वालों को एक रास्ता प्रदान करने का भी प्रावधान है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को निचले सदन में ‘अघोषित विदेशी आय और आस्ति (कर अधिरोपण) विधेयक, 2015 विधेयक’ पेश किया। जो भारत में निवास करने वाले और अघोषित विदेशी आय और आस्तियों को रखने वाले सभी लोगों पर लागू होगा।
इस विधेयक के उद्देश्यों और कारणों संबंधी कथन के अनुसार इसमें उन लोगों के लिए सीमित रास्ता खोलने का प्रस्ताव है जिनके पास कोई अप्रकटित या अघोषित विदेशी आस्तियां हैं। ऐसे लोग निर्दिष्ट कर अधिकारी के समक्ष एक निश्चित समयावधि के भीतर घोषणा फाइल कर सकते हैं और उसके बाद तीस फीसद की दर पर कर का व जुर्माने के रूप में उसके बराबर राशि का भुगतान कर सकते हैं। विधेयक में प्रावधान है कि इन शर्तों को पूरा करने पर किसी व्यक्ति पर इस प्रस्तावित विधेयक के तहत मुकदमा नहीं चलाया जाएगा।
विधेयक के अनुसार विदेशी संपत्ति के संबंध में आय छिपाने के लिए कर की राशि की तीन गुना राशि के जुर्माने का भी प्रावधान है। इसमें कहा गया है कि यह रियायत उन लोगों के लिए महज एक अवसर है कि वे नए विधेयक के कड़े प्रावधानों के प्रभावी होने से पहले कर का भुगतान कर दें। विधेयक में विदेशी आय के संबंध में कर चोरी का प्रयास करने पर तीन से दस साल तक की कैद के साथ जुर्माने का भी प्रावधान है। दूसरी बार अपराध करने पर तीन से दस साल तक की कैद के साथ 25 लाख रुपए से लेकर एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
विधेयक में कहा गया है कि अभियोग चलाने की प्रक्रिया में यह धारणा बनाई जाएगी कि गलती जानबूझकर की गई और आरोपी को यह साबित करना है कि उनके मन में गलती करने की भावना नहीं थी। इसमें हालांकि विदेशी खातों में मामूली रकम रखने वाले लोगों के संरक्षण की बात कही गई है जिसकी सूचना अनजाने में नहीं दी गई। इसमें आगे कहा गया है कि कानून के तहत कर अधिकारियों को जांच और तलाशी लेने, समन जारी करने, उपस्थिति दर्ज कराने, साक्ष्य पेश करने आदि का अधिकार दिया गया है। करदाताओं के हितों की सुरक्षा की जाएगी और वे आइटीएटी, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकेंगे।
सरकार को दूसरे देशों के साथ समझौता करने या सूचना का आदान प्रदान करने, कर वसूलने और दोहरा कराधान को रोकने की शक्ति प्रदान की गई है। धनशोधन निरोधक अधिनियम 2002 में संशोधन किया जाएगा ताकि कर चोरी के अपराध को अधिनियम के तहत अधिसूचित अपराध के रूप में शामिल किया जाए। जेटली ने गुरुवार को कहा था कि वे यह तय करने जा रहे हैं कि दुरुपयोग का कोई रास्ता नहीं बचे। लेकिन यह ऐसे लोगों के लिए प्रतिरोधक होगा जो अपना धन विदेश में जमा करते हैं।