Money Changes in March 2025: जैसे-जैसे वित्तीय वर्ष 2024-25 की समाप्ति तिथि (closing date) नजदीक आ रही है, निवेशकों को पैसे से जुड़ी कई डेडलाइन पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि सही समय पर सही एक्शन लेने से उन्हें नुकसान या ऑपरेशनल जोखिमों से बचा जा सकता है। इनमें से कुछ डेडलाइन EPFO के यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) एक्टिवेशन और कर्मचारी-लिंक्ड प्रोत्साहन (Employee-Linked Incentive- ELI) स्कीम के लिए बैंक खातों के साथ आधार लिंकिंग से जुड़े हैं। इसके अलावा कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा (Employees’ Deposit Linked Insurance-EDLI) स्कीम, कर बचत निवेश (tax saving investments) और विशेष सावधि जमा (special fixed deposits) शामिल हैं।
मार्च 2025 में पैसे से जुड़ी डेडलाइन्स
यूएएन को सक्रिय करने और बैंक खातों में आधार जोड़ने की अंतिम तिथि: Deadline for activating UAN and seeding Aadhaar in bank accounts
रिटायरमेंट फंड बॉडी (EPFO) द्वारा ELI स्कीम के लिए UAN को एक्टिवेट करने और बैंक खातों में आधार लिंक की समय सीमा 15 मार्च तक बढ़ा दी गई है। ईपीएफओ की ELI स्कीम के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए UAN एक्टिवेशन और बैंक खातों को आधार से लिंक करना जरूरी है।
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21 फरवरी, 2025 को जारी EPFO के सर्कुलर में कहा गया है, “…संबंधित अथॉरिटी ने UAN एक्टिवेशन और बैंक खाते में आधार लिंक की समयसीमा 15 मार्च, 2025 तक बढ़ा दी है।”
EPF से संबंधित बीमा लाभों के लिए UAN एक्टिवेशन: UAN activation for insurance benefits related to EPF
यदि आप ईपीएफओ सदस्य हैं तो कुछ बीमा लाभों के लिए यूएएन सक्रिय करना बहुत महत्वपूर्ण है। EPF के तहत Employees’ Deposit Linked Insurance (EDLI) योजना के तहत ईपीएफ सदस्य को 7 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है।
अगर आपने अभी तक यूएएन एक्टिवेट नहीं किया है तो बीमा लाभ लेने के लिए 15 मार्च 2025 तक यह काम जरूर पूरा कर लें।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइनिंग या अपडेट करना: Filing or updating ITR
अगर आपने पिछले आईटीआर में कोई गलती कर दी थी या फिर गलत आय की जानकारी दे दी है तो अभी भी आपके पास अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) फाइल करने का मौका है। आप एसेसमेंट ईयर खत्म होने के दो साल बाद ITR-U फाइल कर सकते हैं। इसके लिए लास्ट डेट 31 मार्च 2025 है।
कर बचत निवेश (धारा 80सी, 80डी, 80जी आदि): Tax Saving Investments (Section 80C, 80D, 80G etc.)
अगर आपने ओल्ड टैक्स रिजीम का विकल्प चुना है तो यह जरूरी है कि टैक्स बचाने के लिए 31 मार्च, 2025 से पहले निवेश करें। आयकर अधिनियम के तहत कई महत्वपूर्ण कटौतियों का लाभ उठाया जा सकता है, जिनमें प्रमुख हैं:
-नेशनल पेंशन सिस्टम: National Pension System (NPS)
-कर्मचारी भविष्य निधि: Employees’ Provident Fund (EPF)
-सामान्य भविष्य निधि: Public Provident Fund (PPF)
-टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (5 साल की लॉक-इन अवधि के साथ): Tax Saving Fixed Deposits (with 5-year lock-in period)
-इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस): Equity Linked Savings Scheme (ELSS)
अगर आपने इन योजनाओं में निवेश नहीं किया है तो टैक्स बचाने के लिए जल्द से जल्द निवेश करें।
स्पेशल FD में निवेश का आखिरी मौका
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा हाल ही में रेपो दर में 25 bps पॉइन्ट (6.50% से 6.25% तक) की कटौती के बाद, कई बैंकों ने सावधि जमा (एफडी) पर ब्याज दरें कम कर दी हैं।
पिछले कुछ सालों से कई बैंक सीमित अवधि के लिए स्पेशल एफडी योजनाएं चला रहे थे, जो नियमित एफडी की तुलना में अधिक ब्याज की पेशकश करती थीं। लेकिन अब चूंकि आरबीआई ने दरें कम कर दी हैं, इसलिए इन विशेष एफडी योजनाओं को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
यदि आप बेहतर ब्याज दर लॉक करना चाहते हैं, तो जल्द ही निवेश करें। फिलहाल ये स्पेशल एफडी SBI, Indian Bank और IDBI Bank में उपलब्ध हैं और इनकी आखिरी तारीख 31 मार्च 2025 है।
विशेष सावधि जमा (एफडी) योजना की आखिरी तारीख: Deadline for Special Fixed Deposit (FD) Scheme
एसबीआई अमृत वर्षिति (SBI Amrit Varshiti)
-444 दिनों की विशेष FD स्कीम
-सामान्य ग्राहकों को 7.25% ब्याज
-वरिष्ठ नागरिकों को 7.75% ब्याज
-अंतिम तिथि: 31 मार्च 2025
एसबीआई अमृत कलश (SBI Amrit Kalash)
-400 दिन की विशेष एफडी
-सामान्य ग्राहकों को 7.10% ब्याज
-वरिष्ठ नागरिकों को 7.60% ब्याज
-अंतिम तिथि: 31 मार्च 2025
आईडीबीआई बैंक – उत्सव कॉलएबल एफडी (IDBI Bank – Utsav Callable FD)
-ब्याज दर मैच्योरिटी अवधि पर निर्भर करती है
-अंतिम तिथि: 31 मार्च 2025
इंडियन बैंक – IND Supreme 300 Days और IND Super 400 Days
-सुपर सीनियर सिटीजन को 8.05% तक ब्याज
-अंतिम तिथि: 31 मार्च 2025
चूंकि ये समय सीमा मार्च में समाप्त हो रही है, निवेशकों और टैक्सपेयर्स को समय पर फैसला लेना चाहिए। यदि ये धन संबंधी मामले उनके लिए प्रासंगिक हैं। इससे उन्हें टैक्स बचाने, निवेश पर बेहतर रिटर्न पाने में मदद मिलेगी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वित्तीय योजना बनाने में कोई बाधा नहीं आएगी।