गौतम अडानी के ग्रुप की कंपनी अडानी ट्रांसमिशन के नेट प्रॉफिट में नुकसान के बाद एक और कंपनी के मुनाफे में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। गुरुवार को जारी किए गए एक रिपोर्ट के अनुसार, अडानी विल्मर के इस वित्त वर्ष के दूसरे तिमाही में 73 प्रतिशत की गिरावट हुई है। सितंबर 2022 के अंत में कंपनी का मुनाफा 182 करोड़ रुपये से गिरकर एक साल में कुल प्रॉफिट 48.7 करोड़ रुपये हो चुका है।
Adani Wilmar इंडिया की अडानी ग्रुप और सिंगापुर विल्मर ग्रुप की ज्वाइंट वेंचर कंपनी है। इस साल अभी तक इसका रेवेन्यू 4 प्रतिशत बढ़कर 13,558 करोड रुपये के खिलाफ 14,150 करोड़ रुपये हो चुका है। चहीं खाद्य तेल में गिरावट के कारण विकास की गति में गिरावट आई है। इस बीच, इसका कुल खर्च बढ़कर 14,149.6 हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 13,354 करोड़ रुपये था।
अडानी विल्मर लिमिटेड का कहना है कि वित्त वर्ष 2023 के दूसरे तिमाही में 9 प्रतिशत वैल्यूम ग्रोथ और 5 प्रतिशत रेवेन्यू ग्रोथ से रिकवरी हुई है, जिसमें फूड और FMCG में.प्रमुख तौर पर बढ़ोतरी हुई है।
खाद्य तेल में कंपनी का मार्केट शेयर 30 बेसिस प्वाइंट बढ़कर स्टैंडलोन पर 18.5 प्रतिशत और कॉनसोलिडेट बेसिस पर 19.5 प्रतिशत हुआ है। अडानी की कंपनी का कहना है कि खाद्य तेल की कीमतों में उच्च अस्थिरता, कम टीआरक्यू (टैरिफ रेट कोटा) के आवंटन और इसके परिचालन खर्चों पर मुद्रास्फीति के प्रभाव के साथ, मार्जिन के मोर्चे पर इसने कई हेडविंड दिए हैं।
अडानी विल्मर ने एक बयान में कहा कि खाद्य तेल में, पिछली तिमाही में उपभोक्ता मांग में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें उच्च मुद्रास्फीति, मानसून में देरी और सुस्त ग्रामीण मांग के रूप में कई मैक्रो हेडविंड थे। अडानी विल्मर को उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में उपभोक्ता मांग में सुधार होगा।
गुरुवार दोपहर के सौदों में अडानी विल्मर के शेयर बीएसई पर 2 प्रतिशत से अधिक गिरकर 683 रुुपये हो गए, जबकि एनएसई निफ्टी 50 में लगभग 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
गौरतलब है कि अडानी ट्रांसमिशन के सितंबर तिमाही में 32 फीसदी की गिरावट आई है। इस कंपनी का पिछले वर्ष की इस तिमाही में मुनाफा 289 करोड़ रुपये था और इस तिमाही में मुनाफा सिर्फ 192 करोड़ रुपये हुआ है।
