टेलिकॉम कंपनियों के बीच ‘टेलिकॉम वॉर’ थमने का नाम नहीं ले रहा। ताजा मामले में एयरटेल और बीएसएनएल आमने-सामने हैं। बीएसएनएल ने टेलिकॉम डिपॉर्टमेंट (डीओटी) को पत्र लिखकर एयरटेल की शिकायत की है। पत्र में शिकायत की गई है कि भारती एयरटेल बीएसएनएल को कॉल डिस्कनेक्ट करने की धमकी दे रही है। पत्र में कहा गया है कि एयरटेल और टाटा टेलिकॉम सर्विसेज को एक मर्ज्ड एंटिटी/कंपनी नहीं मानती है तो उसके ग्राहकों की कॉल को अपने नेटवर्क पर डिस्कनेक्ट कर देगी। एयरटेल ने ऐसा करने के पीछे टेलिकॉम ट्रिब्यूनल के एक ऑर्डर को आधार माना है।
बता दें कि डीओटी ने अब तक भारती एयरटेल और भारती हेक्सागॉन के साथ टाटा टेलिसर्विसेज के मोबिलिटी बिजनस से हुए मर्जर को को अपने रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया है। 21नवंबर को जारी किए गए पत्र में शिकायत की गई है कि ‘एयरटेल ने कहा है कि बीएसएनल ग्राहकों की कॉल डिस्टकनेक्ट होने की सूरत में रूट्स में बदलवान होने पर खुद जिम्मेदार मानी जाएगी। ऐसा होने पर सिर्फ और सिर्फ बीएसएनएल जवाबदेह होगी।
एयरटेल का तर्क है कि डिस्प्यूट्स सेटलमेंट ऐंड अपीलेट ट्राइब्यूनल ने एयरटेल-टाटा टेलीसर्विसेज की डील को मान्यता दी थी और इसे रिकॉर्ड में शामिल करने के लि कहा है। ऐसे में नए ऑपरेशन्स के तहत बीएसएनएल को भी रूट्स में बदलवा करने होंगे। बता दें कि टेलिकॉम डिपॉर्टमेंट ने इस महीने एयरटेल-टाटा टेलीसर्विसेज की डील को क्लियरेंस मिलने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। विभाग ने 8,000 करोड़ रुपए के वन-टाइम स्पेक्ट्रम के चार्ज की मांग की है।
बता दें कि इससे पहले डीओटीने भारती एयरटेल में टाटा टेलीसर्विसेज के विलय को मंजूरी दी थी लेकिन इसके लिए एयरटेल से बैंक गारंटी भी मांगी थी। इसके साथ ही विभाग ने सभी सर्किल हेड्स को भारती एयरटेल और टाटा टेलिसर्विसेज को अलग-अलग एंटीटी मानने के निर्देश जारी किए थे। भारतीय एयरटेल ने इस साल 1 जुलाई को घोषणा की थी कि टाटा टेलिसर्विसेज लिमिटेड (टीटीएसएल) का मोबाइल बिजनेस अब उनके अधिकार क्षेत्र में है।