रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर 29 फरवरी से प्रतिबंध लगा दिया है। RBI के फैसले के बाद फास्टैग रिचार्ज, वॉलेट और इसके बैंक अकाउंट में पैसा जमा करने पर भी रोक लगाई है। RBI के अनुसार पेटीएम की बैंकिंग सर्विस ने कई नियमों का उल्लघंन किया है। आरबीआई काफी समय से पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर नजर रखा हुआ था। इस बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है।
एक पैन कार्ड से खोले गए कई खाते
खुलासा हुआ है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक में एक ही पैन कार्ड से कई खाते खोले गए थे। इन खातों की केवाईसी की प्रक्रिया भी पूरी नहीं की गई थी। यानी बिना KYC ट्रांजेक्शन हो रहा था। पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर रोक का ये एक प्रमुख कारण है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक पेटीएम पेमेंट्स बैंक में 1 पैन पर 1,000 से अधिक ग्राहकों के अकाउंट जुड़े हुए थे। इसको लेकर RBI ने जांच की और इसे सही पाया गया।
पेटीएम को लेकर देश के राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने शनिवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर पेटीएम के माध्यम से पैसों के लेनदेन में हेराफेरी का सबूत पाया जाता है, तो प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी इस मामले की जांच करेगा।
विजय शेखर शर्मा ED की जांच के दायरे से बाहर
हालांकि पेटीएम ने एक बयान जारी कर स्पष्ट कर दिया कि इसके सीईओ विजय शेखर शर्मा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की जांच के दायरे में नहीं हैं। कुछ व्यापारियों से पूछताछ की गई है और वह पूरा सहयोग कर रहे हैं। वहीं इस बीच पेटीएम की ट्रेडिंग लिमिट स्टॉक एक्सचेंज से घटा दी गई है। अब इसकी डेली ट्रेडिंग लिमिट को घटकर 10 फीसदी कर दिया गया है। कंपनी ने ऐसा फैसला इसलिए लिया क्योंकि पिछले दो ट्रेडिंग सेशंस में पेटीएम के शेयर 40 फीसदी तक गिर गए।
पेटीएम की बैंकिंग सर्विस के करीब 35 करोड़ की ई – वॉलेट हैं और 31 करोड़ इसमें एक्टिव नहीं हैं। वहीं चार करोड़ अकाउंट जो चालू है, उसमें पैसे तो हैं लेकिन काफी कम पैसे हैं या फिर खाली हैं। यानी कि इनएक्टिव अकाउंट की संख्या काफी अधिक है। इसकी केवाईसी भी अपडेट नहीं हुई है।