बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद भले ही आज आईपीएल की स्पॉन्सरशिप के लिए बोली लगाने की तैयारी कर रही है, लेकिन कुछ साल पहले खुद उन्होंने क्रिकेट को भारतीय संस्कृति का दुश्मन बताया था। बाबा रामदेव ने 2012 में क्रिकेट को भारतीय संस्कृति का दुश्मन करार दिया था। इसके अलावा आईपीएल पर खासतौर पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा था कि चीयरलीडर्स की मौजूदगी के चलते यह खेल अश्लील हो गया है। बाबा रामदेव ने कहा था कि क्रिकेट के चलते देश में जुआ और सट्टा बाजार बढ़ रहा है। यह पहला मौका होगा, जब पतंजलि आयुर्वेद किसी क्रिकेट टूर्नामेंट की स्पॉन्सरशिप करेगी।
दरअसल चीनी कंपनी Vivo की ओर से 440 करोड़ रुपये की आईपीएल की स्पॉन्सरशिप का करार खत्म किए जाने के बाद अब बीसीसीआई की ओर से नए सिरे से बोली लगाए जाने की तैयारी है। इस बोली में पतंजलि ने भी शामिल होने की इच्छा जताई है। बाबा रामदेव की कंपनी के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने भी पतंजलि के स्पॉन्सरशिप की रेस में होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि हम इस पर विचार कर रहे हैं। तिजारावाला ने कहा कि वोकल फॉर लोकल के लिए और भारतीय ब्रांड को ग्लोबल बनाने के मकसद से आईपीएल के अच्छा प्लेटफॉर्म साबित हो सकता है।
हालांकि अभी कंपनी की ओर से इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। बीसीसीआई ने इस पर सोमवार से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट की मांग की है और 14 तारीख तक कंपनियों को प्रस्ताव सौंपने हैं। इससे पहले बीते सप्ताह बीसीसीआई और वीवो ने आपसी सहमति से 2020 के आईपीएल टूर्नामेंट के लिए स्पॉन्सरशिप के करार को खत्म करने का फैसला लिया था। दरअसल लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के बाद से ही चीनी कंपनियों के खिलाफ माहौल बना हुआ है। इसे देखते हुए ही वीवो ने स्पॉन्सरशिप से हटने का फैसला लिया है। यही नहीं चीनी कंपनी ने बिग बॉस से भी हटने का फैसला लिया है। वीवो का भारत में कुल 1,000 करोड़ रुपये सालाना का प्रचार बजट है। ऐसे में कंपनी की बदली हुई रणनीति के चलते भारत को एक हजार करोड़ रुपये का झटका लगने वाला है।
बीते कुछ सालों में तेजी से विस्तार करने वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद का सालाना टर्नओवर करीब 10,500 करोड़ रुपये का है। बीते साल ही कंपनी ने रुचि सोया को भी खरीदा था। 4,350 करोड़ रुपये की यह डील बाबा रामदेव की कंपनी ने अडानी ग्रुप को पछाड़कर की थी।