एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी ने जेल जाने के कगार पर खड़े अपने छोटे भाई अनिल अंबानी की हाल ही में मदद की। अनिल अंबानी पर स्वडिश टेलिकॉम इक्विपमेंट कंपनी एरिक्सन के बकाए 450 करोड़ रुपये चुकाने में मुकेश ने अनिल की मदद की। इस मदद के लिए अनिल ने मुकेश को शुक्रिया भी कहा। हालांकि, इससे पहले मुकेश अंबानी ने अनिल की आर्थिक संकट से घिरी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस के साथ एक डील नहीं की। इसके तहत उन्हें अनिल की कंपनी की संपत्तियों को खरीदना था। मुकेश के इस कदम से अनिल की यह कंपनी दिवालिया होने के और नजदीक पहुंच गई। बिजनेस एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मुकेश अंबानी ने ऐसा एक व्यापारिक रणनीति के तहत किया है। अब वह अनिल अंबानी की उन्हीं संपत्तियों को और सस्ते में खरीद सकेंगे।

मुकेश ने सोमवार को आखिरी पलों में अनिल को एरिक्सन का बकाया चुकाने में मदद की। अगर वह ऐसा न करते तो सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अनिल को जेल जाना पड़ता। इसी दिन, मुकेश की कंपनी रिलायंस जियो इन्फोकॉम और अनिल की कंपनी आरकॉम के बीच 2017 में हुई एक डील रद्द हो गई। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक डील के रद्द होने की वजह से आरकॉम अब कोर्ट के नेतृत्व वाली प्रक्रियाओं का सामना करेगा। ऐसे में मुकेश की कंपनी जियो को आरकॉम के एयरवेव्स, टावर्स और फाइबर खरीदने का एक और मौका मिलेगा। और तो और, वह उसे उस 173 अरब रुपये से कम रकम में खरीद सकेंगे, जिसे एक साल पहले जियो वित्तीय संकट से जूझ रहे आरकॉम को देने के लिए तैयार हुआ था। जानकार मानते हैं कि आरकॉम के दिवालिया होने पर जियो खरीद प्रक्रिया में शामिल होगा और उसे कम रकम में वो संपत्तियां खरीदने का मौका मिलेगा।

अनिल अंबानी को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का दोषी माना था। एरिक्सन का बकाया न चुकाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए अनिल अंबानी को तयशुदा डेडलाइन में रकम चुकाने या जेल जाने की वॉर्निंग दी थी। एरिक्सन के वकील ने कोर्ट में कहा था कि अनिल अंबानी के पास राफेल सौदा करने का पैसा है, लेकिन बकाया चुकाने के लिए नहीं। अनिल अंबानी काफी वक्त से कांग्रेस के निशाने पर भी हैं। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने डिफेंस डील के जरिए उन्हें फायदा पहुंचाने की कोशिश की।