वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार (16 मई) को कहा कि उद्योग-धंधों को बढ़ावा देने वाली मोदी सरकार की अनुकूल आर्थिक नीतियों से भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। इस साल अच्छे मॉनसून का पूर्वानुमान साकार होने से यह और अधिक तेज गति से वृद्धि दर्ज करेगी। जेटली ने कहा कि आने वाले तीन सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था की इस गति में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि विश्वभर में छाई सुस्ती के बावजूद भारत आज सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। केंद्र की राजग सरकार ग्रामीण क्षेत्र, रोजगार सृजन और मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने को प्राथमिकता दे रही है।

मोदी सरकार की दो साल की उपलब्धियों के बारे में पूछने पर जेटली ने कहा कि हमारी सरकार आने से पहले 10 साल में (पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में) जो कुछ हो रहा था, वह आपके सामने है। तब लोग नीतिगत पंगुता की बात कर रहे थे। हमारी सरकार के सत्ता में आने के बाद वही लोग भारतीय अर्थव्यवस्था को सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बता रहे हैं।

जेटली ने यहां ‘इंडियन वूमन प्रेस कोर’ में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारत अभी 7.5 फीसद की वृद्धि दर के साथ आगे बढ़ रहा है। हम तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। भारत दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। जेटली ने कहा कि पिछले दो सालों में वृद्धि दर 7.2 और 7.6 फीसद रही। दुनिया के कई विकसित देशों में छाई सुस्ती और लगातार दो साल खराब मॉनसून के बावजूद भारत ने यह वृद्धि हासिल की है। मॉनसून कमजोर रहने से ग्रामीण क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ता है। लोगों की क्रय शक्ति प्रभावित होती है। वैश्विक सुस्ती से घरेलू कारोबार और निर्यात प्रभावित होता है।

उन्होंने कहा कि इस बार सामान्य मॉनसून और अच्छी बरसात का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। दो साल के सूखे के बाद अच्छी बरसात होगी जिससे कृषि क्षेत्र में सुधार आएगा। ग्रामीण आय व क्रय शक्ति बेहतर होगी। अभी तक के संकेत सकारात्मक हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि आज बैंकिंग क्षेत्र सबसे ज्यादा दबाव वाला क्षेत्र है। बैंकों के कर्ज देने की क्षमता बढ़ना महत्त्वपूर्ण है, इसमें सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक हालात को देखते हुए समय का तकाजा है कि जिस क्षेत्र में मंदी हो, उस क्षेत्र में अधिक सरकारी धन डालें।

जीएसटी का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि सैद्धांतिक रूप से इसको लेकर कहीं मतभेद नहीं है। कांग्रेस समेत हर राजनीतिक दल इसके पक्ष में है। कांग्रेस को तो और आगे बढ़कर जीएसटी का समर्थन करना चाहिए क्योंकि इसका मूल विचार उन्हीं का था। उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक को छोड़ हर क्षेत्रीय दल जीएसटी का समर्थन कर रहा है। जद (एकी), सपा, बसपा, बीजद, तृणमूल कांग्रेस, राकांपा, द्रमुक जैसे दल जीएसटी के समर्थन में हैं।

सूखे से निपटने को लेकर सरकार की पहल के बारे में जेटली ने कहा कि यह विषय राज्य के दायरे में आता है। लेकिन इससे निपटने के लिए धन का बड़ा हिस्सा केंद्र से आता है। पिछले एक साल में आपदा प्रबंधन के लिए केंद्र ने राज्यों को काफी धन दिया है और यह अब तक की सबसे अधिक राशि है। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए धन आबंटन के बारे में केंद्र और राज्यों के बीव फार्मूला तय है। इसी के तहत धन आबंटित किया गया है।

सूखे से निपटने के लिए राज्यों को और आबंटन देने के बारे में जेटली ने कहा कि सूखे या प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए आबंटन का संस्थागत तंत्र है। इस बारे में कानून संसद में बनाए जाते हैं। कानून के तहत ही हम राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) के जरिए राज्यों को कोष आबंटित करते हैं। सरकार ने पिछले एक साल में पर्याप्त आबंटन किया है।

कालेधन पर वित्त मंत्री ने कहा कि इससे पहले किसी सरकार ने इस पर इतना काम नहीं किया, जितना काम हमारी सरकार ने किया। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ लोग जो कालेधन को लेकर निशाने पर आए हैं, वे अब तर्क दे रहे हैं कि ऐसे कदमों से अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।

सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच संबंधों में कड़वाहट के बारे में पूछे एक सवाल पर जेटली ने कहा- मैं नहीं समझता कि विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच मतभेद कोई नई बात है जिसे मीडिया कड़वाहट कहता है। मैं मानता हूं कि राजनीतिक मतभेद रहने के बावजूद सभ्य आचरण और भाषा महत्त्वपूर्ण कारक हैं। क्योंकि अंत में कोई व्यक्तिगत बात नहीं होती है। बिहार और झारखंड में पत्रकारों की हत्या के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा कि इसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।