उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले अडाणी समूह ने ‘अडाणी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड’ (एएनआईएल) के नाम से नयी अनुषंगी कंपनी बनाई है। यह इकाई हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं, कम कार्बन उत्सर्जन के बिजली उत्पादन के साथ विंड टर्बाइन, सौर मॉड्यूल तथा बैटरियों के विनिर्माण के क्षेत्र में काम करेगी।

अडाणी समूह की नई अनुषंगी का लक्ष्य दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी बनने के साथ सबसे कम लागत में हाइड्रोजन का उत्पादन करने का है। अडाणी ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि उनका समूह अगले दशक में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 70 अरब डॉलर का निवेश करेगा।
अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि कंपनी ने पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी ‘एएनआईएल’ का गठन किया है।

सूचना में कहा गया है कि एएनआईएल कम कार्बन उत्सर्जन वाले ईंधन और रसायनों के संश्लेषण के लिए परियोजनाओं के विकास और परिचालन का कारोबार संभालेगी। यह कंपनी कम कार्बन उत्सर्जन वाली बिजली का उत्पादन और हरित हाइड्रोजन उत्पादन सहित अन्य परियोजनाओं के लिए प्रमुख घटकों/सामग्रियों मसलन विंड टर्बाइन का विनिर्माण करेगी।

कंपनी ने कहा कि एएनआईएल सोलर मॉड्यूल, बैटरियां, इलेक्ट्रोलाइजर, संबद्ध अपस्ट्रीम विनिर्माण के साथ-साथ सहायक उद्योगों और इस संबंध में इससे जुड़ी सभी गतिविधियों को संचालित करेगी। समूह की कंपनियों ने पहले ही महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाई हैं।

दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा उत्पादक कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने 2030 तक 45 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता का लक्ष्य निर्धारित किया है और वह 2022-23 तक प्रति वर्ष दो गीगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता विकसित करने के लिए 20 अरब डॉलर का निवेश करेगी।

अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड (एटीएल), भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की बिजली पारेषण और खुदरा वितरण (पावर ट्रांसमिशन और रिटेल डिस्ट्रिब्यूशन) कंपनी है, जो कि वित्त वर्ष 2023 तक नवीकरणीय बिजली खरीद की हिस्सेदारी को मौजूदा तीन प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2030 तक 70 प्रतिशत करना चाहती है।

11 नवंबर, 2021 को एक कार्यक्रम में बोलते हुए अडानी समूह के संस्थापक-अध्यक्ष ने कहा था कि समूह अक्षय ऊर्जा को जीवाश्म ईंधन (फॉसिल फ्यूल) के लिए एक व्यवहार्य, किफायती विकल्प बनाने के लिए काम कर रहा है।

अडानी ने कहा था, “साल 2030 तक हम बिना किसी चेतावनी के दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा कंपनी बनने की उम्मीद करते हैं – और हमने ऐसा करने के लिए अगले दशक में 70 बिलियन अमरीकी डालर का वादा किया है। ऐसी कोई अन्य कंपनी नहीं है जिसने अभी तक इसके विकास पर इतना बड़ा दांव लगाया है।”