Anil Ambani, Rcom, Mukesh Ambani: कर्ज के जाल में फंसे होने की वजह से अनिल अंबानी की कई कंपनियों के संपत्ति की बिक्री प्रक्रिया चल रही है।
इसमें से एक कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस भी है। कुछ सालों पहले तक टेलीकॉम बिजनेस में रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) काफी सक्रिय थी। हालांकि, रिलायंस जियो की एंट्री के बाद आरकॉम के हालात बिगड़ गए। आरकॉम के प्रमुख अनिल अंबानी को ये तक कहना पड़ा कि टेलीकॉम सेक्टर पैसा पीने वाला कारोबार बन चुका है। आइए जानते हैं कि आखिर अनिल अंबानी ने ये बात क्यों कही..
क्या कहा था अनिल अंबानी ने: साल 2017 में अनिल अंबानी ने कहा था कि टेलीकॉम सेक्टर पैसा पीने वाला कारोबार बन चुका है। यहां सिर्फ वही बने रह सकते हैं जिनकी जेबें भरी हों। इस दौरान अनिल अंबानी ने टाटा के टेलीकॉम कारोबार का भी जिक्र किया। तब अनिल अंबानी ने कहा था, ”अगर टाटा जैसे दिग्गज औद्योगिक घराने को अपना कारोबार उपहार में देना पड़ता है तो बाकी छोटी-मोटी कंपनियों की क्या मिसाल है। सब कुछ आपके सामने है।” (ये पढ़ें—अनिल अंबानी का कारोबार चला रहे अडानी)
10 कंपनियां नहीं रह सकती हैं: इस दौरान अनिल अंबानी ने किसी कंपनी का नाम लिए बिना कहा था कि टेलीकॉम सेक्टर में 10 कंपनियां नहीं फल फूल सकतीं। यह तो 2-3-4 कंपनियों के फलने-फूलने के लिए है और उनके लिए है जिनके पास या तो पैसों की भरमार है या जिनमें धन जुटाने की क्षमता है। अनिल अंबानी ने टेलीकॉम सेक्टर पर निगरानी रखने वाली संस्था पर भी निशाना साधा था।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से रिलायंस कम्युनिकेशंस का सिस्टमा श्याम टेलीकॉम में मर्जर करने में देरी की गई वह इज ऑफ डूइंग बिजनेस नहीं बल्कि बिजनेस करने में सबसे बड़ी मुश्किल का प्रतीक है।
आपको बता दें कि साल 2016 में ही मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो ने टेलीकॉम इंडस्ट्री में एंट्री ली थी। जियो ने ‘वेलकम ऑफर’ के तहत यूजर्स को फ्री इंटरनेट डेटा के साथ-साथ फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग और फ्री मैसेज की सुविधा दी। इसके बाद टेलीकॉम इंडस्ट्री की कई बड़ी कंपनियों को भी रेस में उतरना पड़ा।
वहीं, कुछ कंपनियों ने या तो कारोबार समेट लिया या फिर विलय कर लिया। इसी हालात में आइडिया और वोडाफोन का भी विलय हुआ। आज टेलीकॉम इंडस्ट्री में मुख्यतौर पर तीन बड़ी कंपनियां रिलायंस जियो, एटरटेल और वोडाफोन-आइडिया हैं। (ये पढ़ें-अनिल अंबानी पर SEBI के जुर्माने का असर! निवेशकों को हो गया बड़ा नुकसान)