देश के दो अरबपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी में अब नए सेक्टर में जंग देखने को मिल सकती है। इन दोनों में सोलर सेक्टर में बड़ा मुकाबला हो सकता है। मुकेश अंबानी अब सोलर सेक्टर में उतरने जा हा रहे हैं, जोकि गौतम अडानी पहले से ही इस सेक्टर में काम कर रहे हैं। मुकेश अंबानी सोलर पॉवर में 10 अरब डॉलर निवेश करने का प्लान बनाया है। इन दोनों की इस प्रतियोगिता के कारण आम लोगों को बड़ा फायदा हो सकता है। अंबानी के इस सेक्टर में आने से सोलर पॉवर की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है।
आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी देश में ग्रीन एनर्जी के प्रोडक्शन में जोर दे रहे हैं। केंद्र सरकार ने 2030 तक ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन कैपेसिटी को चार गुना यानी 450 गीगावाट करने का टारगेट रखा है। अंबानी और अडानी दोनों ही इस मौके का फायदा उठाने में लगे हुए हैं। अडानी ने हाल में एक सोलर पॉवर कंपनी का अधिग्रहण किया है।
जहां एक ओर मुकेश अंबानी ने अपने पेट्रोकैमिकल और टैक्सटाइल कारोबार को बड़े को साम्राज्य में बदल दिया। रिटेल और टेलीकॉम कारोबार को रिलायंस इंडस्ट्रीज में जोड़ा। वहीं दूसरी ओर गौतम अडानी ने पॉवर सेक्टर और ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रिब्यूशन, पोर्ट्स और एयरपोर्ट्स के बिजनेस पर फोकस किया है।
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दोनों कारोबारी मूलरूप गुजरात से हैं। जानकारों की मानें तो भारत में ग्रीन एनर्जी के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को देखते हुए इस कारोबार में कंई कंपनियों के लिए पर्याप्त गुंजाइश है। प्रोजेक्ट हासिल करने की होड़ में कंपनियां आक्रामक बोली लगाती हैं तो इससे सोलर एनर्जी की कीमतों और गिरावट देखने को मिल सकती है। जिसका फायदा आम लोगों को फायदा देखने को मिल सकता है।
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सॉलर सेक्टर में भारत की स्थिति दुनिया में ज्यादा अच्छी नहीं है। इस मामले में भारत काफी पिछड़ा हुआ है। गुजरात में हुई नीलामी में सोलर पावर की दर प्रति किलोवाट घंटा 2 रुपए से भी कम देखने को मिल रही है। इंस्टीट्यूट ऑफ एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस के टीम बकले के अनुसार उम्मीद है कि भारत में 2030 तक सोलर टैरिफ घटकर एक रुपए प्रति किलोवाट घंटा रह जाएगा।