पिछले महीने 27 जनवरी को टाटा ग्रुप के द्वारा एयर इंडिया का 18000 करोड रुपए में अधिग्रहण कर लिया था। जिसके बाद से ही टाटा ग्रुप एयर इंडिया को फिर से दुनिया की बेहतरीन एयरलाइंस में शुमार करने के काम पर जुट गया है। इसके लिए टाटा ग्रुप में अब एक बड़ी योजना बनाई है।

जानकारी के मुताबिक टाटा ग्रुप एयर इंडिया के बेड़े के पुराने विमानों को बदलने और नए विमान खरीदने के लिए विमान निर्माण करने वाली कंपनी बोइंग और एयरबस से बातचीत कर रहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक टाटा संस बोइंग 787-9 ड्रीमलाइनर और एअरबस 350-900s जैसे विमानों के लिए दोनों कंपनियों के साथ बातचीत कर रहा है। बातचीत अभी शुरुआती स्तर में है। एयर इंडिया फिलहाल छोटी दूरी की घरेलू उड़ानों के लिए नैरो बॉडी प्लेन और बड़ी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए वाइड बॉडी प्लेन के बारे में बातचीत कर रहा है। हालांकि विमानों के ऑर्डर को लेकर अभी कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

एयर इंडिया का होगा कायाकल्प: एयर इंडिया के अधिग्रहण के बाद टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि टाटा ग्रुप एयर इंडिया की “वित्तीय रूप से मजबूत बनाएगा, विमानों को अपग्रेड करेगा, बेड़े में नए विमानों को शामिल करेगा और टेक्नोलॉजी की दृष्टि से इसे दुनिया की सबसे उन्नत एयरलाइंस बनाएगा”. आगे उन्होंने कहा कि एयरलाइंस को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए फिर से संगठन को रीडिजाइन किया जाएगा। इसके लिए बड़े परिवर्तन की जरूरत होगी।

वर्तमान में एयर इंडिया के बेड़े में 140 से भी ज्यादा विमान शामिल है। इंडस्ट्रीज के जानकारों का अनुमान है कि पुराने विमानों के नवीनीकरण के लिए के टाटा ग्रुप को एक बिलियन डॉलर से अधिक रुपए खर्च करने पड़ेंगे।

टाटा एयरलाइंस की शुरुआत 1932 में जेआरडी टाटा ने मुंबई में की थी। 1946 में टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर एयर इंडिया का रख दिया गया। एयर इंडिया ने पहली इंटरनेशनल उड़ान 1948 में यूरोप के लिए भरी। जिसके बाद 1953 में एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया और इसका स्वामित्व टाटा ग्रुप के हाथ से निकल गया। फिर 69 सालों बाद एक बार फिर एयर इंडिया की टाटा ग्रुप ने वापसी हुई है।