Air India Indian oil, NDA:  सरकारी एविएशन कंपनी Air India की हालत पतली है, यह बात किसी से छिपी नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एयर इंडिया पर ईंधन भरवाने का बकाया ही करीब करोड़ों रुपये का है। इसके अलावा, उसके पास अक्टूबर के बाद वेतन देने लायक पैसा भी नहीं बचा है। खबरें आती रही हैं कि सरकार एयर इंडिया में हिस्सेदारी बेच सकती है। हालांकि, अब एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार पूरी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के मूड में है।

हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अगले हफ्ते मंत्रियों का एक समूह एयर इंडिया के भविष्य पर बड़ा फैसला ले सकता है। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की इस बैठक में एयर इंडिया की बिक्री की रुपरेखा तय हो सकती है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस बार 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर सकती है। एयर इंडिया के भविष्य का फैसला करने वाले ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी शामिल हैं।

इससे पहले, 16 अगस्त को नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने कहा था कि जीओएम की पहली बैठक से पहले वह एयर इंडिया को मसले पर एक आतंरिक मीटिंग करेंगे। पहली बैठक के होते ही बिक्री से जुड़ी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बता दें कि एयर इंडिया फिलहाल बड़े माली संकट में है। गुरुवार को सरकारी तेल कंपनी ने बकाए की वजह से रांची, मोहाली, पटना, विशाखापत्तनम, पुणे और कोच्चि एयरपोर्ट पर एयर इंडिया को तेल की सप्लाई रोक दी थी।

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एयर इंडिया को वेतन देने के लिए 300 करोड़ रुपये प्रति महीने की जरूरत होती है। हालांकि, कंपनी के पास अक्टूबर के बाद सैलरी देने का पैसा नहीं बचा है। सूत्रों के मुताबिक, एयर इंडिया के एमडी अश्विनी लोहानी ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को फंड्स की कमी के बारे में सूचना दे दी है।