Zoho के फाउंडर और CEO श्रीधर वेम्बू ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर टेक इंजीनियर्स को मिलने वाली हाई सैलरी के बारे में पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स को मिल रही ऊंची सैलरी हमेशा के लिए नहीं है। सरल शब्दों में समझे तो उनका कहना है कि टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स (Techies) को हमेशा इसी तरह ज्यादा वेतन नहीं मिलता रहेगा।
मैकेनिकल इंजीनियरों, सिविल इंजीनियरों या यहां तक कि केमिस्टों व स्कूल शिक्षकों और सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के वेतन के बीच समानताएं बताते हुए, उन्होंने कहा कि बड़े नंबरों में कमाई करना “कोई जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है।”
वेम्बू की चेतावनी
वेम्बू के चेतावनी भरे नोट ने उनके लिए भविष्य की आशंकाओं का संकेत देते हुए कहा, “हम इसे हल्के में नहीं ले सकते, और हम यह नहीं मान सकते कि यह हमेशा ऐसा ही रहेगा।” यह याद दिलाते हुए कि किसी का भी प्रोफेशनल ट्रैक “रुक” सकता है, उन्होंने यह भी कहा, “इस फैक्ट को भी हल्के में नहीं लिया जा सकता कि ग्राहक हमारे उत्पादों के लिए भुगतान करते हैं।”
इंटेल के को-फाउंडर आंद्रे ग्रोव के हवाले से लिख, “केवल पागल ही जीवित रहते हैं,” वेम्बू ने कहा, “मैं सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट (LLMs + tooling) में आने वाली प्रोडक्टिविटी रेवॉल्यूशन को देख रहा हूं जो बहुत सारी सॉफ्टवेयर नौकरियों को खत्म कर सकती है। यह गंभीर है।”
एआई-संबंधित प्रोडक्टिविटी के रोजगार को खत्म करने के बारे में ज़ोहो के मुख्य वैज्ञानिक के दावे International Monetary Fund’s (IMF) की जनवरी 2024 की रिपोर्ट के अनुसार हैं, जिसमें बताया गया है कि लगभग 40% वैश्विक रोजगार (Global emplyment) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का शिकार हो जाएगा।
‘कोडक की कहानी’
स्व-घोषित ‘AI Whisperer’ मानवेंद्र सिंह नाम के यूजर ने श्रीधर वेम्बू को जवाब दिया: “हार्वर्ड के प्रोफेसर क्लेटन क्रिस्टेंसन के disruption framework से पता चलता है कि कैसे नई टेक्नोलॉजी, उपेक्षित बाजारों में शुरू होती है, फिर दिग्गजों को पछाड़ने के लिए स्केल करती है – जैसे डिजिटल कैमरों ने कोडक को किया था, जिसने 1975 में उनका आविष्कार किया था, लेकिन फिल्म के 70% मार्जिन से चिपके रहे, 2012 तक अपने 80% वर्कफोर्स को खो दिया।”
उन्होंने आगे कहा कि एआई सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग को उसी पैटर्न के अधीन कर रहा है जैसे “GitHub Copilot जैसे टूल्स प्रोडक्टिविटी को 55% तक बढ़ाते हैं (McKinsey, 2024), जिससे रुटीन नौकरियों को खतरा होता है। फिर भी, जनवरी 2025 (Aura Intelligence) में 90,000+ सॉफ्टवेयर रोल्स पोस्ट की गईं, जो रेजिलेंस दिखाती हैं। 2030 तक, एआई एजेंट पूरे कोडबेस (XBSoftware, 2024) को संभाल सकते हैं, जिससे AI इंटिग्रेटर्स के लिए रोल्स बन सकते हैं। “
AI पर बिल गेट्स ने क्या कहा था
Microsoft के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने हाल ही भविष्यवाणी की थी कि AI अधिकांश चीजों के लिए मनुष्यों की जगह ले लेगा। दुनियाभर में इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। बिल गेट्स ने दुनिया में इसके होने वाले असर को लेकर अपनी बात सामने रखी है। बिल गेट्स ने कहा कि कोडिंग जैसी चीजों में अभी भी एआई के बजाय मनुष्यों को भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण होगी। हालांकि NVIDIA के जेन्सन हुआंग, OpenAI के सैम ऑल्टमैन और Salesforce के CEO मार्क बेनिओफ़ समेत कई लोगों का मानना है कि एआई के कारण कोडिंग करने वाले लोगों को नौकरी पर सबसे ज्यादा खतरा होगा।
बिल गेट्स ने कहा कि AI जीवविज्ञानियों की जगह नहीं ले पाएगा, बीमारियों की पहचान, DNA विश्लेषण जैसे काम करने के लिए एक उपयोगी उपकरण के रूप में काम करेगा। गेट्स ने कहा कि एआई में वैज्ञानिक खोजों के लिए रचनात्मकता की कमी है। गेट्स ने यह भी कहा कि AI ऊर्जा विशेषज्ञों की जगह भी नहीं ले पाएगा क्योंकि यह क्षेत्र अभी भी पूरी तरह से ऑटोमैटिक होने के लिए बहुत जटिल है।