गुजरात में शिक्षकों के अभाव में शिक्षा के स्तर में आ रही गिरावट के कांग्रेस के आरोपों के बीच राज्य सरकार ने माना कि प्रदेश के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 13,000 से अधिक शिक्षकों की कमी है। गुजरात विधानसभा में हाल में सरकार ने आंकड़े पेश किए जिसके अनुसार राज्य के स्कूलों में केवल 1,67,461 प्राथमिक शिक्षक ही काम कर रहे हैं जबकि उनके लिए स्वीकृत संख्या 1,80,601 है।

इन आंकड़ों से संकेत मिलता है कि राज्य में प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के 13,140 पद अब तक खाली पड़े हैं। जिलावार आंकड़ों से पता चलता है कि दूरस्थ जिले कच्छ, बनासकांठा और आदिवासी बहुल जिले पंचमहल व दाहोद में प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की सर्वाधिक कमी है। कच्छ में ऐसे शिक्षकों के 2,724 पद और बनासकांठा में 1,741 पद खाली हैं। पंचमहल जिले में प्राथमिक शिक्षकों के 935 पद और दाहोद में 912 पद खाली हैं।

विधानसभा में भाजपा नीत सरकार के पेश आंकड़ों के एक अन्य सेट के अनुसार उच्च प्राथमिक स्कूलों में यानी छठी से आठवीं कक्षा के
लिए गणित और विज्ञान विषयों में 2,400 से अधिक शिक्षकों की कमी है। ये आंकड़े बताते हैं कि सरकार को अभी 2,413 शिक्षकों की भर्ती करनी है जो राज्य में सरकार संचालित उच्च प्राथमिक स्कूलों में गणित और विज्ञान विषय पढ़ा सकें। बनासकांठा में गणित और विज्ञान विषय के 404 शिक्षकों की कमी है जबकि पंचमहल में 382, अमदाबाद में 230 और दाहोद में 203 शिक्षकों की कमी है।

प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों का मुद्दा कांग्रेस विधानसभा में और बाहर कई बार उठा चुकी है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार इस संबंध में पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही है। हाल में सदन में एक सवाल के जवाब में शिक्षा राज्यमंत्री नानू वनानी ने आश्वासन दिया था कि सरकार को समुचित अभ्यर्थी नहीं मिले हैं। इसके बावजूद इन पदों को यथाशीघ्र भरा जाएगा। सदन में ही सरकार ने बताया था कि शिक्षकों के अभाव का असर प्राथमिक शिक्षा पर पड़ रहा है।

कांग्रेस विधायक तेजाश्री पटेल ने प्राथमिक स्कूलों के मूल्यांकन के लिए होने वाले गुणोत्सव कार्यकम के परिणाम के बारे में पूछा था। इसके जवाब में सरकार ने बताया कि 11,000 से अधिक स्कूल कमजोर श्रेणी में और 2,000 से अधिक स्कूल अत्यंत कमजोर श्रेणी के तहत पाए गए।

नवीनतम सामाजिक-आर्थिक समीक्षा के आंकड़े हाल में विधानसभा में पेश किए गए जिनके अनुसार, राज्य सरकार पिछले पांच साल से गुणोत्सव कार्यक्रम आयोजित कर रही है जिसमें राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस कार्यक्रम के तहत मंत्रियों और सभी विभागों के उच्च स्तरीय अधिकारियों को मूल्यांकन के लिए राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के प्राथमिक स्कूलों में भेजा जाता है। समीक्षा के अनुसार 2016 में 32,842 स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों का मूल्यांकन किया गया।